PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज उत्तरप्रदेश ने सम्बल जिले में कल्कि धाम मंदिर के लिए शिलान्यास रखा। मंदिर परियोजना का नेतृत्व श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट कर रहे है। यह भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्किका यह मंदिर है, जिसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों के प्रतीक दस गर्भगृह हैं।
19 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंदिर की आधारशिला रख कर मंदिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया है, मंदिर परियोजना का नेतृत्व श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट कर रहा है, जिसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं, जिन्हे हल ही में उनके विवादस्पद बयानों के कारण कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
आचार्य प्रमोद पर बोले PM Modi
भीड़ को अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने कल्कि धाम मंदिर परियोजना के लिए आचार्य प्रमोद के प्रयासों की भी सराहना की।

भीड़ को अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने कल्कि धाम मंदिर परियोजना के लिए आचार्य प्रमोद के प्रयासों की भी सराहना की।
समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा, ”उन्होंने (आचार्य प्रमोद कृष्णम) कहा था कि हर किसी के पास देने के लिए कुछ न कुछ है लेकिन मेरे पास कुछ नहीं है, मैं केवल अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकता हूं. प्रमोद जी, अच्छा हुआ कि आपने मुझे कुछ नहीं दिया, अन्यथा समय इस तरह बदल गया है कि आज के युग में सुदामा श्रीकृष्ण को चावल देते और वीडियो सामने आ जाता, सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर हो जाती और फैसला आ जाता कि भगवान श्रीकृष्ण को कुछ दिया गया है। भ्रष्टाचार और भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार कर रहे थे। बेहतर होगा कि आपने अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं और कुछ नहीं दिया…”
कल्कि धाम मंदिर के बारे में कुछ तथ्य इतिहास और महत्त्व
यह भगवान विष्णु के दसवे अवतार भगवान कल्कि के सवरूप को दर्शाएगा। इस मंदिर के दस गर्भ गृह होंगे जो भगवान विष्णु के दसो अवतारों के रूप को प्रदर्शित करेंगे। यह पहला धाम होगा जहाँ भगवान कल्कि के अवतार लेने से पहले उनका कोई मंदिर बनाया जा रहा है। यह मंदिर विश्व में सबसे अनोखा मंदिर माना जा यहा है।
कल्कि धाम मंदिर, परिसर 5 एकड़ में बनाया जायेगा, यह मंदिर भी राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर की तरह ही गुलाबी रंग के पत्थर से बनाया जायेगा जो साझा वास्तुकला शैली को दर्शाता है। इसको बनाने में करीब 5 वर्ष का समय लगेगा ऐसा माना जा रहा है।
अपनी ओर धयान आकर्षक करने वाला विषय यह है की इस मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकर लोहा या स्टील उपयोग में नहीं लिया जायेगा। वहीँ इस मंदिर की शिखर 108 फ़ीट ऊंची होने वाली है तथा यह अमंदिर का मंडल भूमि से 11 फ़ीट ऊँचा होने वाला है।
जबकि इस मंदिर में भी कल्कि पीठ अपने मूल स्थान पर ही बनायीं जाएगी और मंदिर के लिए भगवान कल्कि की मूर्ति का निर्माण भी किया जायेगा। साथ ही इसकी भी राम मंदिर के सामान ही भव्य रूप से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जायेगा।
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