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Ram Lalla Surya Tilak: सूर्य की किरणों से जगमग हुआ रामलला का ललाट, VIDEO में देखें भव्य नजारा

Ram Lalla Surya Tilak

Ram Lalla Surya Tilak: रामनवमी के मौके पर रामलला का सूर्यतिलक का नजारा अद्भुत था. सूर्य की रोशनी मंदिर की तीसरी मंजिल पर लगे पहले दर्पण पर पड़ी. यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में प्रवेश किया. पीतल के पाइप में लगे दूसरे दर्पण से टकराकर 90 डिग्री पर पुनः परावर्तित हो गई. फिर पीतल की पाइप से जाते हुए यह किरण तीन अलग-अलग लेंस से होकर गुजरी और लंबे पाइप से गर्भगृह वाले सिरे पर लगे शिशे से टकराई. गर्भगृह में लगे शिशे से टकराने के बाद किरणें सीधे रामलला के मस्तिष्क पर पहुंची. लगातार पांच मिनट तक 75 मिलीमीटर के गोलाकार में सूर्य तिलक लगा.

कैसे संपन्न हुआ सूर्य तिलक(Ram Lalla Surya Tilak)

दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें एक दर्पण से टकराने के बाद पीतल की पाइप के सहारे दूसरे दर्पण की तरफ गईं। इसके बाद दूसरे दर्पण से टकराकर तीसरे दर्पण की ओर गईं।

सूर्य की किरणें दर्पण से टकराने के बाद सीधे पाइप के मुहाने से निकली, और सीधे राममला के ललाट तक पहुंची। इसके बाद पांच मिनट तक रामलला का सूर्यतिलक(Ram Lalla Surya Tilak) हुआ।

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धनिया की पंजीरी जरूरी

Ayodhya Ram Mandir: सूर्य की किरणों से रामलला का मस्तक

राम जन्मोत्सव के साथ धनिया की महत्ता भी विवेचित है। सामान्य तौर पर आटे की पंजीरी की परंपरा है, किंतु राम जन्मोत्सव के अवसर पर सूखी धनिया को पीस कर उसकी पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाता है। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य(Ram Lalla Surya Tilak) के अनुसार इसमें राम जन्मोत्सव की मिठास घुली है। प्रसव के उपरांत शिशु और मां के लिए औषधीय गुणों से युक्त धनिया की पंजीरी सोंठौरा की तरह लाभकारी मानी जाती है।

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