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बायपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) बन सकती है जानलेवा बीमारी है, समय रहते इलाज है जरूरी

Bipolar Disorder

बायपोलर डिस्ऑर्डर (Bipolar Disorder)– देश भर में मनोरोगियों की संख्या में दिनोदिन बढ़ोत्तरी होती जा रही है। प्रसिध्द विज्ञान शोध पत्रिका “द लांसेट” की एक हालिया रिपोर्ट का विश्लेषण यह बताता है कि पूरे भारत में मनोरोगियों (Bipolar Disorder) की तादात बढ़ी है। साल 2017 तक देश में करीब 19.7 करोड़ व्यक्ति गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से प्रभावित हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक बीते 27 सालों में मनोरोगियों (Bipolar Disorder) की संख्या दोगुनी हो चुकी है। मुख्य तौर से डिप्रेशन, एंग्जाइटी और सिजोफ्रेनिया से लोग ज्यादा प्रभावित हैं।

खुदखुशी करने वालों में वृध्दि

डिप्रेशन पीड़ितों में बुजुर्गों और महिलाओं की संख्या अधिक है। डिप्रेशन (Bipolar Disorder) की वजह से होने वाली आत्महत्याओं में भी वृध्दि हुई है। देश में दक्षिण भारतीय राज्यों खासकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। गौरतलब है कि मानसिक बीमारी किसी व्यक्ति के महसूस करने, सोचने और काम करने के तरीकों को प्रभावित करती है।

संक्रमण से मस्तिष्क को नुकसान

यह रोग व्यक्ति के मनोयोग, स्वभाव, ध्यान और संयोजन एवं बातचीत करने की क्षमता में समस्या पैदा करता है। अंतत: व्यक्ति असामान्य व्यवहार का शिकार हो जाता है।

उसे दैनिक जीवन के कार्यकलापों के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। मानसिक स्वास्थ्य (Bipolar Disorder) समस्याओं के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं।

Bipolar Disorder

जैसे परिवेश संबंधी तनाव जैसे चिंता, अकेलापन, साथियों का दबाव, आत्म-सम्मान में कमी, परिवार में मृत्यु या तलाक, दुर्घटना, हिंसा एवं दुष्कर्म आदि से मनोवैज्ञानिक आघात होना, आनुवंशिक असामान्यताएं, मस्तिष्क की चोट या दोष, अल्कोहल एवं ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन और संक्रमण के कारण मस्तिष्क को नुकसान आदि बातें शामिल हैं।

मानसिक रोग के लक्षण (Bipolar Disorder)

विशेषज्ञों का इस संबंध में कहना है कि जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं।

मानसिक रोगी (Bipolar Disorder) आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोजमर्राके काम ठीक से करने में मुश्किल होती है। मानसिक रोग के लक्षण, हर इंसान में अलग-अलग हो सकते हैं।

Bipolar Disorder

ये इस बात पर निर्भर करते हैं कि उसके हालात कैसे हैं और उसे कौन सी मानसिक बीमारी है। कुछ लोगों में इसके लक्षण लंबे वक्त तक रहते हैं और साफ नजर आते हैं, जबकि कुछ लोगों में शायद थोड़े समय के लिए हो और साफ नजर न आएं।

मानसिक रोग किसी को भी हो सकताहै, फिर चाहे वह आदमी हो या औरत, जवान हो या बुजुर्ग । हालांकि किसी को मानसिक रोग (Bipolar Disorder) होने का कारण यही नहीं होता कि उसमें कोई कमी या दोष है।

मानसिक रोग पीड़ित इंसान समाज में एक कमजोर वर्ग का गठन करता है तथा जिसे हमारे समाज में भेदभाव की तरह जाना जाता है। जो लोग मानसिक रोग के शिकार होते हैं, उसका असर उनके नजदीकी लोगों पर भी पड़ता है।

निराशा है इस रोग का कारण (Bipolar Disorder)

देखा गया है कि हर चौथे इंसानको कभी-न-कभी मानसिक रोग होता ही है। दुनियाभर में इस रोग की सबसे बड़ीवजह निराशा है। बायपोलर डिसऑर्डर या सिजोफ्रेनिया बहुत गंभीर और खतरनाक मानसिक बीमारियां हैं।

हालांकि दुखद बात यह है कि इतनी भारी तादात में लोग मानसिक रोग (Bipolar Disorder) की गिरफ्त में आ रहे हैं फिर भी लोग इसे छिपाए रखते हैं या नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि अक्सर इस तरह की बीमारी के शिकार लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता।

बहुत से लोगों ने जब अपनी हालत के बारे में अच्छी तरह जाना और फिर डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक इलाज करवाया, तो उन्हें अपनी बीमारी से लड़ने में काफी मदद मिली है।

परिवार को मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों और रिश्तेदारों की देखभाल और उपचार के लिए वित्तीय, शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और सामाजिक बोझ को सहन करना पड़ता है।

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इन तमाम दुश्वारियों को देखते हुए, मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्तियों के वातावरण, समुचित उपचार तथा समाज में उनकी पूर्ण भागीदारी के अनुकूल बनाया जाना चाहिए।

इस तथ्य को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि अगर मानसिक रोगी (Bipolar Disorder) अच्छी तरह अपना इलाज करवाए,तो वह ठीक हो सकता है। लेकिन, दुर्भाग्यवश 80-90 प्रतिशत मानसिक रोगी कई वजहों के चलते अपना इलाज नहीं करवाते हैं।

ऐसे लोग अंधविश्वासों में जकड़े हुए हैं। इसकी वजह से न केवल उनकी बड़ीरकम खर्च होती है, बल्कि काफी सारा वक्त भी बर्बाद हो जाता है। इन सभी कारणों से धीरे-धीरे पीड़ित व्यक्ति की मानसिक दशा और भी बिगड़ती जाती है।

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सही इलाज से बीमारी से छुटकारा

मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति समय पर उपचार ले तो उसकापूर्ण रूप से ठीक होना बिलकुल संभव है। मानसिक रोगों (Bipolar Disorder) की वजह से होने वाली शारीरिक अशक्तता को भी काफी हद तक रोका जा सकता है।

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इससे पीड़ित व्यक्ति समाज और परिवार में अपने दायित्व का समग्रता से निर्वहन कर सकता है। समाज और परिवार को भी मानसिक रोगी (Bipolar Disorder) के प्रति संवेदना और सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

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