युवा योग साधिका शर्मिला जैन योग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए नि:शुल्क योग का प्रशिक्षण दे रही हैं। मंडीदीप की रहने वाली शर्मिला वर्तमान में भोपाल के डिपो चौराहा स्थित गीतांजलि परिसर में रहती हैं। साथ ही वे यहां के सरस्वती पार्क में लोगों को नि:शुल्क योग सिखाने का कार्य भी कर रही हैं।
वे बताती हैं कि आज के तनाव भरे जीवन में लोगों को तनाव से मुक्ति के लिए योग की शरण में आना ही होगा। लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। इसलिए वे दिन रात लोगों को योग का प्रशिक्षण देने में जुटी हैं। इस दौरान वे खुद भी कठोर अनुशासन का पालन करती हैं। साथ ही जो लोग उनसे योग सीखते हैं, उनसे भी कठोर अनुशासन का पालन करवाती हैं।
प्राणों से बढ़ती है ऊर्जा :
योग गुरु शर्मिला बताती हैं कि योग अभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, प्राणायाम करने से प्राणों का दायरा बढ़ता है। प्राण का अर्थ वह ‘जीवनी-शक्ति’ है, जो शरीर के विभिन्न केन्द्रों द्वारा अपने को अभिव्यक्त करती है। सामान्य रूप से इसका अर्थ होता है ऊर्जा। प्राणायाम का अर्थ होता है प्राणों पर नियंत्रण।
शरीर को स्वस्थ रखने की शिक्षा योग देता है :
तीन क्रियाओं को मिलाकर प्राणायाम पूर्ण होता है, इन क्रियाओं में श्वास लेना, श्वास रोकना, श्वास छोड़ना प्रमुख है। शरीर को स्वस्थ एवं सक्रिय रखने के लिए आसन-प्राणायाम जरूरी हैं। हम सब स्वस्थ रहना चाहते हैं। कोई व्यक्ति इसका अपवाद नहीं है। बीमार व्यक्ति ठीक तरह से प्रार्थना भी नहीं कर सकता।
प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है। परन्तु अज्ञानवश व्यक्ति को कष्ट झेलना पड़ता है। स्वास्थ्य में कैसे सुधार लाया जाए तथा स्वास्थ्य कैसे अच्छा रखा जाए, इसकी शिक्षा योग विज्ञान देता है।
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