News

Swati Maliwal के आरोपों की असलियत उजागर’, आम आदमी पार्टी ने जारी किया एक और VIDEO

Swati Maliwal Case

Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार का नाम सामने आ रहा है। स्वाति मालीवाल ने बिभव कुमार पर ही आरोप लगाए हैं। इस बीच पूरे देश में बिभव कुमार को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि आखिर में यह शख्स अरविंद केजरीवाल का इतना करीबी कैसे बन गया? बिभव कुमार से जुड़ी 7 ऐसी बड़ी कहानी है, जिसे हर कोई जानना चाहता है।

AAP ने जारी किया 13 मई के सीसीटीवी फुटेज का एक अंश

यह वीडियो सीसीटीवी फुटेज है और 13 मई का बताया जा रहा है। फुटेज में समय भी देखा जा सकता है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि स्वाति मालीवाल को महिला सुरक्षाकर्मी सीएम आवास से बाहर ले जा रही है।

इस वीडियो को पार्टी ने पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘स्वाति मालीवाल के आरोपों की असलियत उजागर कर रहा है ये वीडियो’।

क्या Swati Maliwal की सांसदी हो जाएगी खत्म

AAP ने कुबूली स्वाति मालीवाल से बदसलूकी की बात

स्वाति मालीवाल आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद हैं। आम आदमी पार्टी से लड़ाई के बीच क्या उनकी कुर्सी जा सकती है। इस सवाल का सीधा सा जवाब है कि बिल्कुल नहीं। दरअसल आम आदमी पार्टी से सीधी लड़ाई का असर उनकी सांसदी(Swati Maliwal) परनहीं पडे़गा। दरअसल भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची के नियमों के मुताबिक, एक सांसद को केवल दो ही परिस्थितियों में अयोग्य ठहराया जा सकता है। पहला कि वह सांसद स्वेच्छा से पार्टी से या अपनी सांसदी से इस्तीफा दे। दूसरा कि वह सांसद किसी पार्टी के व्हिप या निर्देशों के खिलाफ वोटिंग या कां करे या फिर मतदान के दौरान सदन में अनुपस्थित रहे। इन दो कारणों को ध्यान में रखते हुए सांसदों को अयोग्य ठहराया जा सकता है।

Also Read: Prabhas Shakes the Social Media World Badly: What He Posted on Insta Story

नियम क्या कहता है?

हालांकि आम आदमी पार्टी चाहे तो स्वाति मालीवाल को पार्टी से निलंबित कर सकती है। अगर पार्टी उन्हें निलंबित कर दे, तभ भी स्वाति मालीवाल सांसद बनी रह सकती है। हालांकि इस दौरान भी उन्हें सदन में वोटिंग के दौरान आम आदमी पार्टी के निर्देशों का पालन करना होगा। अगर पार्टी से स्वाति मालीवाल(Swati Maliwal) को निकाल भी दिया जाता है तब भी स्वतंत्र सांसद बनी रहेंगी। दरअसल यहां भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची का निमय जिसे “दल बदल विरोधी कानून” कहते हैं वह लागू नहीं होगा। इस कानून को 1985 में 52वें संशोधन के द्वारा लाया गया था। इसके तहत सांसदों की अयोग्यता के प्रावधान दिए गए हैं। हालांकि खबर बनाने तक ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि आम आदमी पार्टी स्वाति मालीवाल के खिलाफ कोई कार्रवाई करने वाली है।

दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने आरोप लगाया है कि स्वाति मालीवाल पिछले कुछ दिनों से बीजेपी के संपर्क में है और उन्होंने यह सब बीजेपी के कहने पर किया है। उन्होंने आरोप लगाया है की बीजेपी ने केजरीवाल को फंसाने के लिए साजिश रची थी और इसी साजिश का चेहरा स्वाति मालीवाल(Swati Maliwal) थीं। अगर बिभव कुमार की जगह अरविंद केजरीवाल ने स्वाति मालीवाल से मुलाकात की होती तो बिभव की जगह केजरीवाल पर यह आरोप लगे होते।

‘ACB के एक्शन से डरीं स्वाति, बीजेपी करेंगी ज्वाइन’; मालीवाल पर AAP के नए आरोप

स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) की किरकिरी हो रही है। बचाव में आप ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है। दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री आतिशी का कहना है कि मालीवाल के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरों ने एक एफआईआर दर्ज की है जिसकी जांच चल रही है। ऐसे में चुनाव से पहले बीजेपी ने षड्यंत्र रचा जिसका मोहरा राज्यसभा सांसद को बनाया। एक निष्पक्ष जांच होनी चाहिए जिससे पता चले की दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बीजेपी के किन नेताओं से मिलीं। वाट्सऐप पर उनसे क्या संपर्क रहा। जिसके बाद सच्चाई सामने आ जाएगी।

Also Read: टूटे हाथ के साथ रेड कारपेट पर ऐश्वर्या राय ने ढहाया कहर, डालें तस्वीरों पर नजर

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp