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बजरंग गढ़ में पर्यावरण प्रेमी पथरीली जमीन पर बना रहे ‘श्रीराम संजीवनी उपवन’, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पौधरोपण कर दी जन्मदिन की बधाई 

रहनुमाओं की अदाओं पे फिदा है दुनिया,
इस बहकती हुई दुनिया को संभालो यारों।
कौन कहता है आसमां में सुराख हो नहीं सकता,
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।।

गजल सम्राट दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां गुना के पास स्थित बजरंग गढ़ के नौजवानों पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। दरअसल बजरंग गढ़ के प्रमुख समाज सेवियों ने यहां के प्रसिद्ध किले के पास बंजर पड़ी पथरीली जमीन पर एक अर्बन फॉरेस्ट बनाने की पहल कर दी है। 5 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर इन युवाओं ने नवीन तकनीक के सहारे यहां पर 300 से अधिक पौधों को लगाकर यहां पर ‘श्रीराम संजीवनी उपवन’ की नींव रख दी।


यहां पर पीपल, बरगद और नीम की त्रिवेणी के साथ आंवला, अमरूद, जामुन, गुलमोहर जैसे पौधों को लगाया गया है। इस दौरान विश्व प्रख्यात संत परम पूज्य राज राजेश्वरानंद जी (पागल बाबा) के मार्गदर्शन में पौधरोपण किया गया। इस दौरान उन्हाेंने यहां एक वट वृक्ष भी रोपित किया।

केंद्रीय कृषि मंत्री के जन्मदिन पर पौधरोपण अभियान : 
वहीं शनिवार 12 जून केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के जन्मदिन के अवसर पर यहां फिर से बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया गया, जिसमें भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह सिकरवार (छुन्ना भैया) के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भाजपा नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए और पौधारोपण करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री तोमर के दीर्घायु की कामना की।


पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेता रमेश मालवीय, मनीष कृष्णानी, समाजसेवी आनंद कृष्णानी, रामप्रताप सिंह सिकरवार, आशु तिवारी, गिरिराज भार्गव, भानू सिकरवार सहित कई लोग मौजूद रहे।

भाजपा जिला उपाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह सिकरवार की पहल : 
बजरंग गढ़ के प्रमुख समाज सेवी और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह सिकरवार (छुन्ना भैया) ने बताया कि महामारी के दौरान पूरे मानव समुदाय को ऑक्सीजन का महत्व समझ आ गया होगा। इस महामारी में उनके कई मित्र और साथी संक्रमित हुए, जिसके बाद उन्होंने संकल्प लिया कि वे इस दौरान इस जगह को एक अर्बन फॉरेस्ट में विकसित करेंगे और यहां पर विभिन्न तरह के फल वाले और औषधीय वृक्ष लगवाएंगे।

इस दौरान उन्होंने अपने 300 करीबी मित्रों को वायु एप भी डाउनलोड करवाया है, ताकि तकनीक के सहारे पर्यावरण को बचाने की इस काम में लोग आगे आ सकें। 

मटका तकनीक से होगी पौधों की सिंचाई : 
पौधे लगाने के साथ-साथ पर्यावरण प्रेमियों द्वारा इनके संरक्षण और संवर्धन का भी खास ख्याल रखा जा रहा है। इसके लिए उपवन के चारों ओर फेंसिंग करवाई गई है। साथ ही पौधों की सिंचाई के लिए विशेष मटका तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक में पौधे के पास एक मटके में छेद कर उसे जमीन में गाड़ दिया जाता है और पानी भर दिया जाता है। इस तरह से पौधे की पास की भूमि नम बनी रहती है।


सप्ताह भर बाद मटके में फिर से पानी भर दिया जाता है। इस तकनीक का उपयोग करने से पौधे को गर्मी के दिनों में भी पानी की कमी नहीं रहती है। वहीं इन पौधों की जिम्मेदारी शहर के सभी प्रमुख समाज सेवियों ने ले ली है। 

जिसमें प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सेन, मधु कृष्णानी, मनीष कृष्णानी, सांसद प्रतिनिधि रमेश मालवीय, भानू सिकरवार, आशुताेष तिवारी, लोकेश पाण्डेय, प्रदीप भट्‌ट, मंडी सचिव रियाज अहमद, आनंद मंगल, गिरिराज प्रजापति, अन्नू शर्मा और सुमित चंदेल सहित कई लोग उपवन में लगे पौधों की खबर लेने जाते रहते हैं।

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