चित्रकूट धाम को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की तपोभूमि माना जाता है। चित्रकूट में Ram Navmi के दिन दीपोत्सव मनाए जाने की परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। इस वर्ष भी राम नवमी पर्व पर 11 लाख से ज्यादा दीपक जलाने की तैयारी की गई है।
वेद शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल के दौरान साढ़े 11 वर्ष से अधिक का समय चित्रकूट नगरी में व्यतीत किया था। इसके चलते रामनवमी के दिन दीपोत्सव मनाये जाने की परंपरा रही है।
इस दौरान लोग मिट्टी के दीये जलाते हैं। इस वर्ष भी Ram Navmi के अवसर पर 11 लाख से अधिक मिट्टी के दीपों से चित्रकूट की नगरी जगमगाएगी।
रामनवमी के अवसर पर यहां चारों तरफ सुंदर नजारा देखने को मिलेगा। यहां भगवान श्रीराम के अनेक पवित्र स्थल हैं, जहां आज भी भगवान श्रीराम की पावन अनुभूति होती है, जैसे-कामदनाथ, रामघाट, भरत कूप, मंदाकिनी घाट, स्फटिक शिला, सती अनुसुइया, हनुमान धारा आदि।
चित्रकूट में राम नवमी पर होगा ये-
चित्रकूट में Ram Navmi को लेकर खास तैयारियां की जा रही हैं, इस बार चित्रकूट में एमपी प्रशासन और यूपी प्रशासन दोनों लोग मिलकर एक भव्य कार्यक्रम करने के लिए तैयारियों में जुटे हुए है।
बता दें कि चित्रकूट में मंदाकिनी के तट पर इस बार 11 लाख दीप प्रचलित किया जाएगा। जिसकी तैयारियां चालू हो चुकी है, यहां पिछले साल 5 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित किए गए थे। लेकिन इस बार 11 लाख दीप प्रज्वलित किया जाएगा।
चित्रकूट का इतिहास-
चित्रकूट के लिए दीप प्रज्वलित करने का कार्यक्रम बेहद खास माना जाता है क्योंकि प्रभु राम की याद में यहां के लोग मंदाकनी तट पर दीप जलाते है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि प्रभु राम चित्रकूट के मंदाकनी में वनवास के दौरान स्नान किया करते थे। देश के विभिन्न इलाकों से आने वाले सभी भक्तों के लिए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
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कामदगिरि के महंत का कहना है कि-
कामदगिरि पर्वत के महंत मदन गोपाल दास जी बताते है, कि चित्रकूट में रामघाट पर साधु-संतों ने तैयारियां पूरी हो चुकी है। Ram Navmi के दिन चित्रकूट के रामघाट पर 11 लाख दीपक जलने वाले है।
Ram Navmi कार्यक्रम अन्य धार्मिक कार्यक्रमों से अलग माना जाता है, क्योंकि प्रभु राम ने अपना सबसे ज्यादा समय चित्रकूट में बिताया है। इसलिए रामनवमी के दिन चित्रकूट में बेहद खास कार्यक्रम मां मंदाकिनी के तट पर रखा गया है।
बड़ी दूर-दूर से साधु संत चित्रकूट में इस कार्यक्रम में भाग लेने आते है और यहां पर हर बार की तरह इस बार भी राम से जुड़ी हुई कई कलाएं दिखाई जाएंगी।