Joshimath में भू-धंसाव की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। भू-संधाव का दायरा बढ़ता ही जा रहा हैं। इसकी चपेट में ज्योतिर्मठ परिसर के बाद अब शंकराचार्य माधव जी का आश्रम के मंदिर की शिवलिंग में तक दरारें आ गई हैं। Joshimath परिसर के भवनों के आस-पास, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभी जगह बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं।Joshimath के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि मठ के अंदर आने वाले प्रवेश द्वार के साथ लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में भी दरारें आ गई हैं।
Joshimath में हो रहे इस तभी के मंजर को देख हर कोई हैरान
भू संधाव के कारण शंकराचार्य की गद्दी स्थल में दरारे आने के कारण ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चिंता जताई हैं।Joshimath की सामने आई तस्वीरों को देखकर हर किसी को तकलीफ पहुंच रही है। अब भू-संधाव कि चपेट में ज्योतिर्मठ भी आ रहा है। जोशीमठ केइस तबाही के मंजर को देखते हुए विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की टीम भी हैरान रह गई हैं। शहर के तभी के इस मंजर और बेतरह धंसने साथ ही लोगों के दर्जनों घरों और इमारतों की दीवारों, दरवाजों, फर्श, सड़कों पर आ रही इन दरारों का और भू संधाव का कारण पता लगाने में फिलहाल वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की टीम को पहले दिन नाकामी हासिल हुई हैं।
Joshimath के मामले की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
Joshimath में हो रहे हैं भू-धंसाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है, जिसका याचिका दाखिल हो चुकी हैं। ज्योतिर्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने आज अपने अधिवक्ता के माध्यम से SC के अंदर आज अपनी याचिका को दाखिल कराया हैं। जिसकी जानकारी स्वंय शंकराचार्य गुरू जी ने दी हैं। अब देखना यह हैं कि अब यह भू-संधाव रूकेगा और कब तक इसकी सुनवाई होगी।
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