Top News

कोरोना: लॉकडाउन के बाद जहां-तहां फंसे मुसाफिर, मदद में उतरीं राज्य सरकारें

लॉकडाउन के कारण सड़को पर फसे लोग: किसी ने सरकार से की विनती तो कोई कोई पैदल निकला घर की तरफ

संपूर्ण भारत में लॉकडाउन का आज छठवां दिन है, कोरोनावारसस के प्रभाव को कम करने के लिए यह बड़ा कदम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उठाया गया था, भारत को संपूर्ण लॉकडाउन करने के तुंरत बाद ही इसके नकारात्‍मक प्रभाव देखने को मिलने लगे,

कोरोना वायरस के प्रभाव को राज्‍य स्‍तर पर रोकने के लिए यू पी के सी एम योगी आदित्‍यनाथ ने प्रदेश की सभी सीमांए सील करने के आदेश दिए हैं। इसी के चलते पूर्वांचल में एक लाख से ज्‍यादा मजदूर परिवार बेराजगार हो गए हैं। वहीं अगर बुंदेलखंड की सात जिलों की बात करें तो (झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरमुर, बांदा, महोबा और चित्रकूट) सभी को मिलाकर यहां लगभग चार लाख से ज्‍यादा मजदूर बेरोजगार होकर गांव लौटे हैं। और लौटने में भी सभी को परेशानियों का सामना पड़ रहा है।

कारण: कोरोनवायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण सार्वजनिक परिवहन के सभी तरीके बंद थे।

वहीं जब लोगो से पूछा गया तो उनका कहना है कि वह अहमदाबाद में एक दैनिक दांव के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन शहर में वापस रहने का कोई मतलब नहीं है जब तालाबंदी के कारण कोई आय नहीं है।

उन्होंने कहा, "हम में से ज्यादातर लोग यहां (अहमदाबाद में) चाय के स्टॉल या खाने के जोड़ों में काम करते हैं। चूंकि सब कुछ बंद है, हमारे नियोक्ताओं ने हमें चीजें सामान्य होने के बाद ही वापस आने के लिए कहा है, क्योंकि उनके पास हमें भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं," उन्होंने कहा। ।

21 दिनों के लिए कोई भी काम का मतलब कोई आय नहीं होगा। और अहमदाबाद जैसे शहर में बिना किसी आय के जीवित रहना हम लोगों के लिए कठिन काम होगा।

वहीं जब लोगो से घर पैदल जाने के बारे में पूछा गया तो जबाव आया, "चूंकि बसें और परिवहन के अन्य साधन उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए हमने घर पहुंचने के लिए चलने का फैसला किया है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित कोरोनावायरस और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बारे में बोलते हुए, लोगों ने कहा कि उन्हें पता है कि वायरस खतरनाक है, लेकिन वे असहाय हैं।

गुजरात प्रवासी श्रमिक कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक पंजाबी ने दावा किया है कि राजस्थान में अपने घरों तक पहुंचने के लिए 50,000 से अधिक कार्यकर्ता अकेले अहमदाबाद से पैदल चले गए हैं। इस दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका।

लेकिन यह अकेले राजस्थान की कहानी नहीं है। उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों को भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सोमवार को, यूपी के बलरामपुर के लगभग 20 प्रवासी मजदूरों का एक समूह 900 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के लिए साइकिल और पेडल रिक्शा पर चंडीगढ़ से रवाना हुआ। यह तब था जब उन्होंने चंडीगढ़ में भोजन और अन्य आवश्यक चीजें खरीदने के लिए पर्याप्त कमाई करना मुश्किल शुरू कर दिया था।

उनमें से छह साइकिल, साइकिल रिक्शा और गाड़ी पर लगभग 300 किमी की यात्रा करने के बाद मुरादाबाद के पास फंस गए थे।

वहीं यहां के मजदूरों का कहना है कि चंडीगढ़ में एक साइकिल रिक्शा खींचकर महीने में 4,000 से 6,000 रुपये कमाते थे, लेकिन अब वह बेरोजगार हैं।

इसी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी जी ने रविवार को माफी मांगते हुए कहा कि, "मैं इन कठोर कदमों के लिए माफी मांगता हूं, जिसके कारण आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, “मुझे पता है कि आप में से कुछ मुझसे नाराज होंगे। लेकिन इस लड़ाई को जीतने के लिए इन कठोर उपायों की आवश्यकता थी।

अपने मन की बात संबोधन में, मोदी ने कहा कि लोग आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि पीएम ने "सभी को इस तरह की परेशानी में क्यों डाला है", लेकिन जोर दिया कि 1.3 बिलियन की आबादी वाले देश में संघर्ष से लड़ने के लिए कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि युद्ध जीवन और मृत्यु के बीच था, यह देखते हुए कि दुनिया किन देशों में अनुभव कर रही थी, और इसीलिए इस तरह के मजबूत उपाय किए गए थे।

नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घर गांवों में वापस लाने के लिए बसों की व्यवस्था की है।

लेकिन दिल्ली के पुलिस अधिकारी राहुल कटारा ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

यह भी जरूर पड़े- लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंन्‍द्र मोदी ने मांगी माफी पड़ि‍ए पूरी खबर

यह भी जरूर पड़े- कोरोना से लड़ने में सरकार की मदद के लिए आगे आए खिलाड़ी कुमार

यह भी जरूर पड़े- लॉकडाउन के दौरान क्या करें और क्या न करें

यह भी जरूर पड़े- कोरोना के चलते कपिल शर्मा ने दिखाई दरियादिली

 यह भी जरूर पड़े- पवन कल्याण राहत कोष में देंगे 2 करोड़ रुपये

यह भी जरूर पड़े- कोरोना से लड़ने में सरकार की मदद करने आगे आए बाहुबली प्रभास

यह भी जरूर पड़े-लॉकडाउन के नकारत्‍मक प्रभाव आपका दिल दहला देगें

यह भी जरूर पड़े- ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव, पत्नी कैमिला भी आइसोलेशन में

यह भी जरूर पड़े- जानिए क्यों लोगों ने कल के भाषण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण लेखक को जमकर ट्रोल किया 

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp