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लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंन्‍द्र मोदी ने मांगी माफी पड़ि‍ए पूरी खबर

देश को कोरोनावारयस के प्रकोप से रोकने के लिए चल रहे 21 दिन के संपर्ण लॉकडाउन से हम सभी भलिभॉंति परिचित है। इस समय लॉकडाउन बहुत ही महत्‍वपूर्ण पहलू है देश को इस महामारी के संकट से बचाने के लिए पर इसके नकारात्‍मक प्रभाव भी देखने को मिल रहें है, सार्वजनिक परिवहन के सभी तरीके 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण फैले हुए कोरोनावायरस से निपटने के लिए बंद हैं।

इसके चलते सबसे ज्‍यादा कोई परेशान है तो वह हैं गरीब मजदूर लोग जोकि अपने घर तक नहीं जा पा रहें। इसके लिए उन्‍हें लम्‍बा सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है।

 इसी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी जी ने रविवार को माफी मांगते हुए कहा कि, "मैं इन कठोर कदमों के लिए माफी मांगता हूं, जिसके कारण आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, “मुझे पता है कि आप में से कुछ मुझसे नाराज होंगे। लेकिन इस लड़ाई को जीतने के लिए इन कठोर उपायों की आवश्यकता थी।

अपने मन की बात संबोधन में, मोदी ने कहा कि लोग आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि पीएम ने "सभी को इस तरह की परेशानी में क्यों डाला है", लेकिन जोर दिया कि 1.3 बिलियन की आबादी वाले देश में संघर्ष से लड़ने के लिए कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि युद्ध जीवन और मृत्यु के बीच था, यह देखते हुए कि दुनिया किन देशों में अनुभव कर रही थी, और इसीलिए इस तरह के मजबूत उपाय किए गए थे।

नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घर गांवों में वापस लाने के लिए बसों की व्यवस्था की है।

लेकिन दिल्ली के पुलिस अधिकारी राहुल कटारा ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

कटारा ने कहा, "पर्याप्त बसें नहीं हैं, और जो इसे उत्तर प्रदेश की सीमा पर बनाती हैं, उन्हें अक्सर स्थानीय जिला अधिकारियों द्वारा दूर कर दिया जाता है, इसलिए बस चालक यात्रियों को उनके गंतव्य तक जाने से रोक रहे हैं,"

पीएम ने कहा कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि मौजूदा स्थिति में हमें सामाजिक दूरी सुनिश्चित करनी होगी, न कि मानवीय या भावनात्मक दूरी।

 “गरीबों के लिए हमारी सहानुभूति भी कहीं अधिक होनी चाहिए। हमारी मानवता इस तथ्य से उपजी है कि जब भी हम किसी गरीब या भूखे व्यक्ति को देखते हैं, तो हम सबसे पहले संकट के इस समय में उसे खाना खिलाएंउन्होंने कहा।

वहीं अगर कोरोना वायरस की बात करें तो देश में कोरोना पीडि़तों की संख्‍या 1000 का आंकड़ा पार कर चुकी जिनमें से अब तक 27 लोगों की मौत हो चकी हैं।

दुनिया भर में, कोरोना मामलों की संख्या 722,000 से अधिक हो गई है। जिनमें से  151,000 लोगों को रिकवर किया गया है, जबकि 33,960 से अधिक लोग मारे गए हैं।

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