अपने काम करने के तरीके से लगातार चर्चा में रहे मप्र के आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ (IAS Lokesh Kumar Jangid) को जान से मारने की धमकी दी गई है। जांगिड़ गत दिनों बड़वानी कलेक्टर शिवराज वर्मा (Collector Shivraj Verma, IAS) पर रिश्वत लेने का आरोप लगाने के बाद चर्चा में आ गए थे। उसके बाद से ही वे लगातार मीडिया में अपने खुलासों के कारण चर्चा में बने हुए हैं।
जान से मारने की धमकी मिलने के बाद जांगिड़ ने बताया कि उन्होंने प्रदेश के डीजीपी विवेक कुमार जौहरी (DGP Vivek Johari, IPS) को पत्र लिखकर सुरक्षा मांगी है, लेकिन 12 घंटे बीत जाने के बाद भी उन्हें किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी गई है। जांगिड़ की मानें तो धमकी के बाद उन्होंने तत्काल ही व्हाट्स एप और अन्य माध्यमों से डीजीपी को शिकायत कर दी थी, लेकिन फिलहाल उन्हें और उनके परिवार को कोई सुरक्षा नहीं दी गई है।
सोशल नेटवर्किंग एप सिग्नल से आया कॉल :
जांगिड़ ने डीजीपी को भेजी अपनी शिकायत में बताया है कि उनके पास सोशल नेटवर्किंग एप सिग्नल (Signal App) पर अज्ञात नंबर से कॉल आया था। फोन उठाते ही सामने वाले ने मुझसे कहा कि ‘तू नहीं जानता है तूने किससे पंगा ले लिया है? साधना भाभी पर आरोप लगाकर तूने मौत को बुलाया है। अगर खुद की और तेरे बेटे की जिसकी फोटो तू स्टेटस पर लगाता है, उसकी जान प्यारी है, तो कल से 6 महीने की छुट्टी पर चले जा।
कॉल करने वाले ने इस दौरान उन्हें मीडिया से बात न करने की बात कहते हुए कहा कि रवीश कुमार और अजीत अंजुम जैसे पाकिस्तानी तेरा उपयोग कर रहे हैं लेकिन तेरी समझ में नहीं आ रहा है। यह कहकर उसने फोन काट दिया। जांगिड़ के मुताबिक व्यापमं के व्हिसिल ब्लोअर के साथ जो हुआ उसे देखते हुए मुझ पर और मेरे परिवार पर जान का खतरा पैदा हो गया है। इस वजह से मुझे पूरे परिवार के साथ सुरक्षा देने का कष्ट करें।
यह है पूरा मामला :
जांगिड़ मप्र कैडर (Madhya Pradesh Cadre) के 2014 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। वे पिछले साढ़े 4 साल से फील्ड पोस्टिंग पर हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें 8 बार ट्रांसफर किया जा चुका है। उन्हें 42 दिन पहले राज्य शिक्षा केंद्र के अपर संचालक से बड़वानी अपर कलेक्टर बनाया गया था। लेकिन पिछले सप्ताह ही उन्हें राज्य शिक्षा केंद्र वापिस भेज दिया गया।
वहीं इस पूरे मामले में बड़वानी में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में हुए घोटाले की बात भी सामने आ रही है। जांगिड़ ने कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में हुए इस घोटाले को उजागर किया था, जिसमें कलेक्टर शिवराज वर्मा का नाम भी सामने आया था। दरअसल जांगिड के पास बड़वानी में जिला कोविड प्रभारी का पद था।
इस दौरान उन्होंने 39 हजार के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को 40 हजार में खरीदने का मामला उजागर किया था, जिसके बाद उनका रातोंरात तबादला हो गया था। वहीं विभागीय सूत्र बताते हैं कि महामारी के दौरान शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन जांगिड़ दफ्तर में बैठे हों। उसके बाद भी उनका तबादला समझ से परे है।
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