Top News

अब बच्चों के नाजुक कंधों पर बक्सवाहा का जंगल बचाने की जिम्मेदारी, पर्यावरणविद धर्मेन्द्र कुमार बच्चों के माध्यम से लोगों को कर रहे हैं जागरुक 

छतरपुर स्थित बक्सवाहा के जंगलों (Buxwaha Forest) में सवा दो लाख हरे भरे पेड़ों को काटने का मामला अब धीरे धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। इस जंगल में स्थित पेड़ों और सैकड़ों वन्य प्राणियों को बचाने की जिम्मेदारी अब पर्यावरण प्रेमी बच्चों के कंधों पर डाल रहे हैं और बच्चे भी इस जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए जंगल को बचाने में जुट गए हैं।

पटना निवासी पीपल, नीम और तुलसी अभियान (Peepal Neem Tulsi Abhiyan) के जनक वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉ. धर्मेन्द्र कुमार (Dr. Dharmendra Kumar) इस पहल के सूत्रधार बने हुए हैं और पिछले कई दिनों से बच्चों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल बच्चे लोगों से आह्वान कर रहे हैं कि कम से कम उनके उज्जवल भविष्य के लिए वनों काे काटने से रोक देना चाहिए। 

बच्चों ने लिया व्हाट्स एप और फेसबुक का सहारा : 
इस अभियान के प्रति सतत जागरूकता फैलाने के लिए बच्चों ने व्हाट्स एप (Whats App) और फेसबुक (Facebook) का सहारा लिया है। इसके लिए बच्चे नियमित पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने और बक्सवाहा की जानकारी पूरे भारत के लोगों को देने के लिए नियमित वीडियो बना रहे हैं और इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर कर रहे हैं। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो रहे हैं और लोग इन्हें एक दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं। 


डॉ. धर्मेन्द्र कुमार की मानें तो वर्तमान पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति ज्यादा संजीदा नहीं देखा गया है। कुछ चुनिंदा लोग इसे बचाने हमेशा प्रयास करते रहते हैं, लेकिन जो ललक सबके भीतर होना चाहिए, वो कहीं नदारद है। इसलिए बच्चों में पर्यावरण के प्रति अभी से संस्कार डालना चाहिए। ताकि वे आने वाले समय में इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते रहें। 

तरह तरह के वीडियो बना रहे बच्चे : 
इन वीडियो में बच्चे जागरुकता के लिए तरह तरह के वीडियो बना रहे हैं। कुछ बच्चे बक्सवाहा में मिलने वाले हीरों और वहां होने वाले नुकसान को कंपेयर कर रहे हैं। तो कुछ खुद एक पेड़ बनकर अपने दर्द को बयां कर रहे हैं। इस दौरान कुछ बच्चों ने स्वरचित कविताएं और लेख भी लिखे हैं, जिन्हें वे सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए साझा कर रहे हैं।


इनमें से कुछ वीडियों को तो सैकड़ों बार तक शेयर किया जा चुका है। आम आदमी पर्यावरण का दर्द समझे या न समझे लेकिन वो इन बच्चाें का दर्द भलीभांति समझ रहा है और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो रहा है। 

इन बच्चों ने संभाला मोर्चा, सरकार से कर रहे वन न उजाड़ने की विनती : 
राजस्थान से कौशल कुमार पुरोहित, साक्षी गोदारा, रियांश त्रिपाठी, ईशानवी ठाकुर, अंजली गोदारा मध्य प्रदेश से विराट गौतम, प्रिंसेस, सम्राट गौतम, हेमलता सेठिया, वेदांत रघुवंशी, आयुष्का खरे, ललिता उदिया, देव्यांशी खरे और काजल इस अभियान की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में प्रज्ञांश शर्मा, माधव कुमार, दिव्यांश डंगवाल और एकांश डंगवाल इस अभियान के तहत पर्यावरण सैनिक बने हुए हैं। 


महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से अंशुमान शर्मा, आद्या खोट, पुणे से रीता अग्रवाल, सोनाक्षी भनसोहे, नाओमी अल्फ्रेड मैदान में डटे हैं। इसके अलावा बिहार से शन्विका राज, झारखंड से अमिषा महतो, समस्तीपुर से कुमारी स्मिता, अन्वी विश्नोई पंजाब से लोगों काे जागरूक करने का काम कर रहे हैं। यूपी प्रयागराज से सुरक्षित शेखर और ईशप्रिया और चौधरी सरिता पटेल लोगों को निरंतर बक्सवाहा के बारे में बता रहे हैं।

यह भी पढ़ें : बक्सवाहा जंगल बचाओ अभियान : ऑक्सीजन को तरस रहे देश में सवा दो लाख पेड़ काटे जाने की तैयारी

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp