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संक्रमण की रफ्तार थमते ही बक्सवाहा में जुटेंगे एक लाख पर्यावरण प्रेमी, चलाएंगे चिपकाे आंदोलन

बक्सवाहा में वन को बचाने के लिए देशभर के पर्यावरण प्रेमी आगे आ गए हैं। ये सभी लोग वेबीनार, व्हाट्स एप ग्रुप और फेसबुक के माध्यम से लगातार एक दूसरे से जुड़ रहे हैं। यह सोशल मीडिया की ही ताकत है कि गत कुछ दिनों से सभी सोशल प्लेटफॉर्म Save_Buxwaha_forest ट्रैंड कर रहा है।

इसी सोशल मीडिया की ताकत को हथियार बनाते हुए 5 जून को पर्यावरण प्रेमी सोशल मीडिया पर बक्सवाहा जंगल (Buxwaha Forest) को बचाने के लिए एक कैंपेन चलाने की योजना बना रहे हैं। वहीं संक्रमण की रफ्तार थमते ही ये सब छतरपुर स्थित बक्सवाहा के जंगल में पहुंचकर चिपको आंदोलन (Chipko_Andolan) के माध्यम से वन संपदा को बचाने का प्रयास करेंगे। 

घर में पौधा लगाकर धरने पर बैठें : 
बिहार के पर्यावरणविद और पीपल, तुलसी, नीम अभियान चलाने वाले डॉ. धर्मेंद्र कुमार के अनुसार कोविड महामारी को देखते हुए सभी पर्यावरण प्रेमी 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर अपने घर में ही कोई भी एक पौधा लगाएं।


इस दौरान संकल्प लें कि बेजुबान पौधों की आवाज को देश के काेने कोने में पहुंचाएंगे। घर में ही धरना देकर इसकी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करें। इस तरह से कोई भी व्यक्ति बक्सवाहा जंगल बचाओ अभियान के साथ जुड़ सकता है।

संक्रमण के रुकते ही 1 लाख से ज्यादा लोग जुटेंगे बक्सवाहा में : 
वहीं जानकारी में सामने ये भी आ रहा है कि संक्रमण की रफ्तार थमते ही देशभर से 1 लाख से ज्यादा लोग बक्सवाहा में पहुंचने की तैयारी में हैं। इन सभी लोगों द्वारा Save Buxwaha Forest अभियान चलाया हुआ है। संक्रमण के थमते ही बक्सवाहा पहुंचकर चिपको आंदोलन द्वारा जंगल को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।


वहीं देशभर की 50 से ज्यादा संस्थाएं इसके लिए लगातार वेबिनार कर लोगों को जागरुक करने का काम कर रही हैं। वहीं जंगल को बचाने के लिए दिल्ली की एक पर्यावरण कार्यकर्ता नेहा सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी है।

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