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टेलीविजन छोड़ थिएटर की तरफ रुख कर रहे हैं दर्शक, लोगों को घर में नहीं बांध पा रहा टीवी : राकेश बेदी

समय के साथ हर चीज बदलती है। हर चीज का एक दौर होता है। फिर वह चीज फिल्म हो या फिर टेलीविजन। कुछ इस तरह की बातों से अपना दर्द बयां किया टेलीविजन के प्रसिद्ध अभिनेता राकेश बेदी ने। गुरुवार को StackUmbrella से विशेष बातचीत में उन्होंने टेलीविजन के लगातार गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने बताया कि अच्छे कॉमेडी सीरियल्स को दर्शक हमेशा याद करते हैं। गौरतलब है कि भोपाल में इन दिनों फिल्म शुक्रदोष की शूटिंग चल रही है, जिसकी स्टारकास्ट भोपाल में अलग-अलग लोकेशन्स पर शूट कर रही है। 

इस दौरान उन्होंने थिएटर के विषय पर भी अपनी बेबाक राय रखी। राकेश की मानें तो जो भी लोग फिल्म या टेलीविजन में मनचाहा मुकाम हासिल नहीं कर पा रहे हैं या कर सके हैं। वे थिएटर से अपनी कला को पूरी दुनिया के सामने ला सकते हैं।  

अच्छे काम को हमेशा याद किया जाता है: 
एक समय हुआ करता था, जब आप कॉमेडी फिल्म परिवार के साथ बैठकर देखते थे। एक दौर ऐसा भी था जब ऐसा भी था जब सी ग्रेड फिल्म बनती थीं और चलती भी थीं। लेकिन समय के साथ वो भी बनना बंद हो गईं, क्योंकि अच्छी फिल्मों की समझ वाले बुद्धिजीवी कभी भी ऐसी फिल्मों को पसंद नहीं करेंगे। हालांकि समय बदल रहा है, टेलीविजन और फिल्मों में अब कई तरह के एक्सपेरिमेंट हो रहे हैं। यह कितने सफल होते हैं, यह आने वाला समय ही बताएगा?




लेकिन अच्छे काम को हमेशा याद रखा जाता है। लोग आज भी अच्छे कॉमेडी सीरियल्स को याद करते हैं। जैसे “श्रीमान श्रीमती” “ये साली जिंदगी” और कई ऐसे सीरियल्स हैं, जो मैंने किए हैं और आज के दौर में दर्शकों को इसकी कमी खलती है।

 
एक्टिंग के लिए थिएटर से बेहतर कुछ भी नहीं : 
एक्टिंग के बारे में बताते हुए राकेश कहते है कि कोई भी 15 से 20 दिन एक्टिंग न करे, तो उसकी एक्टिंग प्रभावित जरूर होगी। मेरा सभी यंगस्टर्स के लिए यही सुझाव है कि अपनी कला को बनाए रखने के लिए उसका नियमित अभ्यास करते रहे। अगर काम नहीं करेंगे तो आपके परफॉर्मेंस में भी उसकी झलक देखने को मिलेगी। इसलिए जिन्हें भी एक्टिंग का शौक है, वो स्टेज पर अभ्यास जरूर करते रहें।


अपनी एक्टिंग को निखारने के लिए थिएटर से बढ़िया कोई जगह नहीं हो सकती है। मैं खुद पिछले 40 साल से एक्टिंग कर रहा हूं, लेकिन ऐसा एक भी महीना नहीं जाता कि जब मैं स्टेज पर परफॉर्म न करूं।

टेलीविजन की अहमियत घटी : 
राकेश की मानें तो मौजूदा समय में टेलीविजन की अहमियत घट गई है। आज लोग जब चाहें तब अपने मोबाइल, लैपटॉप पर जो चाहे देख सकते हैं। सोशल मीडिया पर लोगों का एंटरटेनमेंट होता है। इन सबके चलते लोगों का रुझान टीवी के प्रति कम हुआ है। अब थियेटर के प्रति लोगों का उत्साह होने लगा है। इसमें भी पैसा है। थिएटर के माध्यम से कोई भी अपनी कला को पूरी दुनिया के सामने ला सकता है। 

टेलीविजन को छोड़ अब लोग थिएटर देखना पसंद कर रहे हैं। मेरा मानना है कि थिएटर के माध्यम से भी अपनी कला को पूरी दुनिया तक पहुंचाया जा सकता है। साथ ही थिएटर के कलाकारों को भी बहुत सम्मान मिलता है। 

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