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तीसरी लहर से निपटने भोपाल में सितंबर तक तैयार होंगे 16 मीट्रिक टन के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट 

देश के अलग अलग हिस्सों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगी है। इसी के मद्देनजर राजधानी भोपाल में भी कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। दूसरी लहर के दौरान हुई ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए राजधानी के अलग अलग अस्पतालों में 15 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। इन ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता 16 से 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगी। 

इसके अलावा 180 मीट्रिक ऑक्सीजन की स्टोरेज की क्षमता विकसित कर ली गई है। साथ ही 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आईनॉक्स द्वारा सप्लाई हो सकती है। साथ ही तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए 9500 के लगभग  बेड तैयार कर लिए गए हैं। इसमें 2,500 आईसीयू बेड भी शामिल हैं।  


बच्चों के संक्रमित होने की दशा में किए जा रहे हैं विशेष प्रावधान :                        
बताया जा रहा है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा संक्रमित होने की संभावना बच्चों की है। ऐसी स्थिति में नवजात से लेकर 10 वर्ष की उम्र के बच्चों के इलाज के लिए विशेष प्रावधान करने के निर्देश कलेक्टर अविनाश लवानिया ने दिए हैं। बच्चों के साथ उनके माता-पिता में से किसी एक को भी अस्पताल में रुकने की व्यवस्था करने की बात कलेक्टर ने कही है। ताकि इलाज के दौरान किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।  

नर्सिंग स्टाफ को दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण : 
इस दौरान सभी हॉस्पिटल संचालकों को अपने सभी नर्सिंग स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण देने को कहा गया है। साथ ही सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सप्लाई के लिए भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। नर्सिंग स्टाफ के लिए किया जाने वाला यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चिरायु हॉस्पिटल में संचालित किया जा सकता है।  

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 98 से 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग रही थी। वहीं इस बार 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन रोजाना उपलब्ध रहेगी। सभी बड़े अस्पतालों द्वारा अपने स्वयं के ऑक्सीजन प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। शेष बचे हुए ऑक्सीजन प्लांटों को आने वाले 15 दिनों में पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।  इसके साथ-साथ बड़े सिलेंडर सभी अस्पतालों में उपलब्ध  रखने के निर्देश दिए गए हैं।

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