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जाने क्यों जरूरी है वाहन के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट लेना, 5 पेट्रोल पंप पर पीयूसी न होने पर दिया कारण बताओ नोटिस  

राजधानी भोपाल में 5 पेट्रोल पंप संचालकों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी प्रदूषण जांच केंद्र (Pollution Testing Center) स्थापित न करने पर नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। गुरुवार को खाद्य विभाग ने राजधानी के पांच पेट्रोल पंप जिनमें एलएन साहू फ्यूल सर्विस, मंडीदीप रोड स्थित यूकेटी इंटरप्राइजेस, खजूरीकला स्थित मारुति नंदन ऑटो सर्विस, अशोका गार्डन स्थित प्रभात पेट्रोल पंप, खजूरी सड़क स्थित खजूरी हाइवे सर्विस स्टेशन पर पीयूसी मशीन न पाए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 

एक साल बाद हर 6 माह में होती है वाहन के प्रदूषण की जांच : 
नया वाहन खरीदने पर वाहन मालिक को एक साल तक पीयूसी (Pollution Under Control Certificate) सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं पड़ती है, लेकिन वाहन को एक साल हो जाने के बाद हर 6 माह में गाड़ी के प्रदूषण की जांच करवाना आनिवार्य है। अक्सर इसकी जरूरत प्रदेश से बाहर जाने पर पड़ती है। देश की राजधानी दिल्ली में तो बिना पीयूसी सर्टिफिकेट के वाहन चलाना बहुत मुश्किल है। बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के जुर्माना भी भरना पड़ता है।  


सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्णय : 
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 10 अगस्त 2017 को दिए एमसी मेहता बनाम भारत संघ एवं अन्य के केस में सुनवाई करते हुए निर्णय दिया था कि राज्य के परिवहन विभागों को अपने क्षेत्र में आने वाले पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर की स्थापना करवाना है। इस आदेश के बाद यदि कोई पेट्रोल पंप संचालक इस आदेश का पालन नहीं करता तो जिला कलेक्टर उस पेट्रोल पंप संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकते हैं और जवाब न मिलने पर कार्रवाई कर सकते हैं। 

स्मोक मीटर से आंकते हैं रीडिंग : 
पीयूसी सेंटर पर किसी भी वाहन के धुंए सहित अन्य जांचों को किया जाता है। इस दाैरान स्मोक मीटर की सहायता से वाहन के प्रदूषण का पता लगाया जाता है। स्मोक मीटर का एक पाइप वाहन के साइलेंसर से जोड़ा जाता है, जबकि दूसरा सिरा स्मोक मीटर से जोड़ दिया जाता है। वाहन को स्टार्ट करवाने के बाद स्मोक मीटर में रीडिंग ली जाती है। यदि धुंआ अधिक प्रदूषित होगा तो वाहन को पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा और वाहन पर चालानी कार्रवाई भी हो सकती है।

यह है पीयूसी सर्टिफिकेट हासिल करने की दरें : 
किसी भी पीयूसी सेटर पर टू-व्हीलर की जांच के लिए 100 रुपए, थ्री व्हीलर की जांच के लिए 150 रुपए, छोटे फोर व्हीलर की जांच 250 रुपए, मीडियम साइज फोर व्हीलर की जांच 300 रुपए और हेवी फोर व्हील व्हीकल की जांच के लिए 500 रुपए तक चार्ज लिया जाता है। 

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