Ajit Pawar: महाराष्ट्र की सियासत में लगातार दो सालों में दो बड़ी बगावतें लेकर आई है। 20 जून 2022 उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी, क्यूंकि शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व में बागी हो गए थे। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए और तब शिवसेना के बागी विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थन से नई सरकार बना ली। इस बगावत के करीब एक साल बाद ही अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी। 2 जुलाई 2023 को अजित पवार ने शिंदे सरकार का समर्थन कर दिया और डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली और ऐसे ही महाराष्ट्र की सत्ता में बगावत का ग्रहण लग गया।
अब महाराष्ट्र की सियासत एक नए मोड़ पर आकर खड़ी हो गई है। अजित पवार (Ajit Pawar) के एनसीपी के 41 विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हुए थे वहीं उसके बाद से ही सीएम को लेकर एक नई चर्चा छिड़ गई। 40 विधायकों वाले एकनाथ शिंदे ही सीएम रहेंगे या सरकार की कमान अजित के हाथ आएगी। स्पीकर राहुल नार्वेकर को सीएम शिंदे समेत विधायकों की अयोग्यता को लेकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े की ओर से दिए गए नोटिस पर फैसला लेना है। इसे लेकर चर्चा तेज हुई तो डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को यह कहना पड़ा था सीएम शिंदे ही रहेंगे।
अब निर्णय की घड़ी आ गई है तो साथ ही यह चर्चा फिर से तेज हो गई है कि अगर एकनाथ शिंदे को विधानसभा के किसी भी सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया जाता है तो नया सीएम कौन होगा? विधानसभा में सीटों का समीकरण क्या होगा?
उद्धव गुट ने चार ग्रुप में शिंदे (Eknath Shinde) गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता का नोटिस दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा में इस समय 286 विधायक हैं और बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 144 सीटों का है। वहीं इस में बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा भी 136 रह है। अब अगर सीएम शिंदे (Eknath Shinde) समेत 16 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो विधायकों की संख्या 270 रह जाएगी।
केवल बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और अजित पवार (Ajit Pawar) के विधायकों की संख्या ही देखें तो शिंदे सरकार के पास इस समय 185 विधायकों का समर्थन है. बीजेपी के 104, अजित पवार गुट के 41 और शिवसेना शिंदे गुट के 40 विधायक हैं। 16 विधायक अयोग्य घोषित किए जाते हैं तो शिंदे गुट का संख्याबल 24 रह जाएगा, यानी शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में भी गठबंधन सरकार के पास बहुमत रहेगा लेकिन सत्ता के शीर्ष पर बदलाव भी तय हो जाएगा। सरकार का नंबर गेम भी 185 से गिरकर 169 विधायकों पर आ जाएगा जो बहुमत के लिए जरूरी 136 से कहीं अधिक है।
अजित पवार (Ajit Pawar) के हाथ आ जाएगी सत्ता की चाबी
विधानसभा की सदस्यता से अगर अयोग्य घोषित किया जाता है तो एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में क्या अजित पवार किंग बन सकेंगे?
अब जब फैसले की घड़ी आ गई है, अजित पवार (Ajit Pawar) ने जब शिंदे सरकार में शामिल होने का ऐलान किया, डिप्टी सीएम की शपथ ले ली, तभी से यह चर्चा चलती रही कि बहुमत में होने के बावजूद बीजेपी को उनकी जरूरत क्यों पड़ी? सवाल फिर से उठने लगा है कि अगर सीएम शिंदे को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाता है तो क्या अजित पवार सीएम बनेंगे या महज किंगमेकर बनकर ही रह जाएंगे?
कैसे किंग बन सकते हैं अजित पवार (Ajit Pawar)?
एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उनके समर्थक विधायक अगर अयोग्य घोषित किए जाते हैं। तो, अजित पवार (Ajit Pawar) के दोनों हाथों में सत्ता की चाबी होगी।वहीं, हो सकता है कि सत्ता बचाए रखने के लिए बीजेपी 41 विधायकों के नेता अजित पवार को सीएम बनाने का दांव कर दे। क्योंकि जब 40 विधायकों वाले शिंदे को सीएम बना सकती है तो अजित के साथ फिर भी 41 विधायक हैं। दूसरी तस्वीर यह भी है कि अजित (Ajit Pawar) अगर एनडीए से एग्जिट कर चाचा शरद के साथ चले जाते हैं तो हो सकता है कि शिवसेना यूबीटी और कांग्रेस के समर्थन से वह सीएम बन जाएं।