हाल ही में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान अपने एक विवादित बयान की वजह से हर जगह चर्चाओं में है। रेप के ऊपर दिए एक शर्मनाक बयान की वजह से पीएम इमरान खान सोशल मीडिया पर जमकर ट्रौल किए जा रहे हैं।
पीएम ने अपने बयान में कहा कि “अगर कोई महिला बहुत कम या छोटे कपड़े पहनती है, तो इसका पुरुषों पर प्रभाव पड़ेगा, जब तक कि वे रोबोट न हों। यह सामान्य ज्ञान है।” उनके इस बयान से सोशल मीडिया पर खलबली मच गई है।
एक इंटरव्यू में इमरान खान ने रेप के ऊपर की इन टिप्पणियों की वजह से सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश है, जिसमें विपक्षी नेताओं और पत्रकारों ने गलत विचारधारा के खिलाफ गुस्सा और घृणा व्यक्त की है।
यहां देखें नेटिजन्स की प्रतिक्रया-
“If a woman is wearing very few clothes, it will have an impact on the men, unless they are robots,” PM Imran Khan on escalating sex crimes in Pakistan. Absolutely shameful victim blaming, again. pic.twitter.com/jESwy7KE5x
— Naila Inayat (@nailainayat) June 21, 2021
This is the interview
Earlier, PTI spokespersons argued the PM never attributed women’s dress to sexual violence but was speaking generally about pardah for both men and women
Here the PM leaves no room for any doubt (or spin)
A pity the outcry earlier had no impact on him pic.twitter.com/bHCBmFxvyv
— Reema Omer (@reema_omer) June 21, 2021
PM @ImranKhanPTI says #AbsolutelyNot Interviewer shocked, look at his face ???? @PTIofficial @PakPMO pic.twitter.com/BiWeK7N5AT
— MARY… THE IRISH INSAFIAN (@IRISHINSAFIAN) June 19, 2021
पहले भी दे चुके हैं ऐसे ही बयान-
पाक पीएम इमरान खान का ये पहला बयान नहीं जिसने महिलओं की भावनाओं का आहत किया है बल्कि अप्रैल में, खान ने एक लाइव टेलीविज़न इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान में यौन हिंसा के मामलों में वृद्धि के लिए “अश्लीलता” को दोषी ठहराया और महिलाओं को प्रलोभन से बचने के लिए कवर करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “पर्दा की यह पूरी अवधारणा प्रलोभन से बचने के लिए है। हर किसी में इससे बचने की इच्छाशक्ति नहीं होती है।”
इमसरा खान के इस बयान पर भी काफी सवाल उठाए गए थे और उन्हें जमकर ट्रौल किया गया था।
बलात्कार के मामलों की बात करें तो नवंबर 2020 से पाकिस्तान में हर दिन 11 बलात्कार की घटनाएं सामने आती हैं, जिसमें पिछले छह वर्षों में 22,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि ये मामले उन आकड़ों के है जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज, रिकॉर्ड में दर्ज किए गए आकड़ों की गणना का अनुमान नहीं लगाया जा सकता।