Budhiya Mai Mandir: बुढ़िया माई मंदिर (सारण) को लेकर लोगों के बीच कई मान्यताएं हैं। स्थानीय लोगों की मंदिर से आस्था जुड़ी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले रेलवे ने Budhiya Mai Mandir हटाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
जानकारी के अनुसार रेलवे ट्रैक के लिए रूट के लिए Budhiya Mai Mandir हटाने में कामयाब नहीं होने के बाद, रेलवे ने ही Budhiya Mai Mandir का जिर्णोद्धार करवाया। मंदिर के प्रांगण सैकड़ों साल पुराने पीपल के पेड़ की भी अनोखी मान्यता है। स्थानीय लोगों की मानना है कि पीपल के पेड़ के काटने पर खून निकलता है।
अजीबो-गरीब मान्यताएं
रेलवे की जमीन पर Budhiya Mai Mandir होने की वजह से प्रशासन ने यहां से मंदिर हटाने की कोशिश की थी। ऐसी घटनाएं व मान्यताओं की वजह से रेलवे के अधिकारी ने अब मंदिर को हटाने के बजाय उसका जिर्णोद्धार करवाया, जो लोगों के लिए अच्छी खबर है। इस तरह से मंदिर अपनी स्थानीय महत्ता को संजोएगा।
Budhiya Mai Mandir के साथ-साथ पीपल के पेड़ की मान्यता भी स्थानीय लोगों के बीच अपार मान्यता का विषय है। पीपल के पेड़ बेहद पुराना है। शास्त्रों में भी पीपल को देवताओं का आवास माना जाता है।
पेड़ से निकलता है खून
जब रेलवे कर्मचारी ने के पास पीपल के पेड़ को काटने की कोशिश की, तो उन्हें इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में पता नहीं था। परन्तु पेड़ को काटते समय उन्हें अचानक खून निकलते देखा गया, जिससे वे घबरा गए। बाद में उन्हें वहां के लोगों ने इस बारे में बताया कि इस पेड़ को काटने की कोशिश करना शुभ नहीं है।
400 साल पुराना मंदिर
इस वजह से रेलवे कर्मचारी ने पेड़ को छोड़ दिया। बुढ़िया माई मंदिर जमशेदपुर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर सारण नामक छोटे से गांव में है। स्थानीय लोगों की मानना है कि मंदिर लगभग 400 साल पुराना होने के कारण इसका बहुत महत्त्व है।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि Stackumbrella.In किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।