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सचिन पायलट: गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप, अपनी ही पार्टी के खिलाफ अनशन पर बैठे है, पायलट!

Sachin Pilot

Sachin Pilot: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट आज 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिन के अनशन बैठे है। गहलोत सरकार के खिलाफ आज उपवास करेंगे पायलट।

Sachin Pilot शहीद स्मारक पर कथित वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन करने जा रहे हैं। बता दें कि अनशन के दौरान सचिन पायलट मौन व्रत करेंगे।

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चुनाव के समय अनशन पर क्यों बैठे पायलट?

Sachin Pilot ने गहलोत सरकार के खिलाफ मंगलवार को अनशन करने की घोषणा की, बता दे कि पिछली बीजेपी की वसुंधरा सरकार के घोटालों और भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर पायलट ने यह घोषणा ​की है।

Sachin Pilot

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वही दूसरी तरफ अशोक गहलोत (कांग्रेस पार्टी) विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर चुकी है। ऐसे में Sachin Pilot का अनशन पार्टी के विधानसभा चुनाव मे बड़ा नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने पायलट को इस अनशन को रोकने के लिए सख्त आदेश दिए ​थे।

आपको बता दें कि राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक दिन पहले सोमवार रात को स्टेटमेंट जारी कर साफ साफ कह दिया है कि सचिन पायलट का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ और पार्टी विरोधी गतिविधि है।

अनशन में पायलट का सपोर्ट कौन कर रहा?

Sachin Pilot ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में यह साफ साफ कहां कि वह दो बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेटर लिख चुके हैं। पहला, 28 मार्च और दूसरा, 2 नवंबर 2022 को सीएम को भेजे गए। रंधावा ने सीएम से भी वो लेटर लिए हैं और उनकी जानकारी में आ चुके हैं। उसके बावजूद भ्रष्टाचार के मामलों पर अब तक कोई कार्रवाई या जांच नहीं हुई, यह पायलट की पीड़ा है।

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Sachin Pilot लड़ाई के मूड में है.

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लोगो का अनुमान है कि शायद पायलट को अनशन की घोषणा इसीलिए करनी पड़ी है, क्योंकि अब विधानसभा चुनाव में 6-7 महीने का ही समय बचा है और उनके उठाए मुद्दों पर कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है।

सूत्र यह भी बताते हैं कि सचिन पायलट ने अब आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया है। वह चाहते हैं कि चुनाव से पहले खुद को प्रदेश में मजबूती से जनता के बीच रख सकें।

या फिर यह रणनीति मुद्दों के आधार पर गहलोत को घेरने की भी हो सकती है। वही दूसरी तरफ आगे होने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई से सचिन पायलट भी अच्छी तरह वाकिफ होंगे।

सोच समझकर ही उन्होंने यह फैसला लिया होगा। लेकिन सचिन पायलट के इस चुनावी कदम के पीछे किसका सपोर्ट है, यह बड़ा सवाल है।

आज जहां पायलट अपनी ही पार्टी के खिलाफ अनशन पर बैठे है वहीं दूसरी तरफ ‘चीन ने अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश दौरे की आलोचना की’ पर क्यों ?

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