Rahul Bose: राहुल बोस एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ ही भारतीय रग्बी फुटबॉल संघ के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने 11 साल तक भारत के लिए रग्बी खेला है। हाल ही में ओडिशा के मुख्मंत्री ने 6 अलग-अलग सेंटर्स का नाम बदलकर विश्वनाथन आनंद, अभिनव बिंद्रा, दिलीप टिर्की, दुती चंद और Rahul Bose कर दिया है। वहीं, जब राहुल बोस को पता चला कि स्टेडियम का नाम उनके नाम पर रखा गया है, तो उन्होंने अधिकारियों से ऐसा न करने की बात कही थी। इस रिपोर्ट में जानिए Rahul Bose ने ऐसा क्यों किया था।
लोगों का धन्यवाद
Rahul Bose को ये खिताब पाकर खुशी से ज्यादा दुविधा हो रही है। कहते हैं कि मुझे जिन लोगों के साथ ये सम्मान दिया गया वे सभी दिग्गज खिलाड़ी हैं। मुझे कही से भी नहीं लगता कि मैं इनके आस-पास भी हूं। एक्टर ने इस सम्मान के लिए आभार जताया। साथ ही कहते हैं कि वो कभी इस तरह के सम्मान की आशा भी नहीं कर रहे थे।
मेरे साथ ऐसा क्यों- Rahul Bose
Rahul Bose ने बताया कि जब उन्हें फोन पर सूचित किय गया कि उन्हें इस तरह का सम्मान दिया जाएगा तो वो कहने लगे कि प्लीज ऐसा मत कीजिए। फिर भी वो लगातार अनुरोध करते रहे। Rahul Boseका कहना है कि वो एख ऐसे माहौल में पले-बड़े हैं जहां उन्होंने बिना किसी अवॉर्ड की चिंता कए बस अपना काम किया है।
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खेल के लिए कुछ भी
साथ ही Rahul Bose ने बताया कि इस स्टेडियम का बनना उन लोगों की मेहनत का नतीजा है जो इससे जुड़े हैं। मैं जानता हूं कि अभी भी बहुत से लोग रग्बी के बारे में नहीं जानते हैं इसलिए ये सम्मान खेल के लिए है ना कि मेरे लिए। अगर मेरी वजह से खेल को कोई भी फायदा पहुंचता है तो इससे बढ़कर सम्मान की बात मेरे लिए क्या होगी।
राहुल 15 साल से चला रहे NGO
इसके बाद Rahul Bose ने बताया कि वह 15 साल से NGO चला रहे हैं, लेकिन इसके बारे में बात नहीं करते। उन्होंने कहा, “मेरे पास दो फाउंडेशन हैं और मैं अंडमान के बच्चों के साथ काम कर रहा हूं। इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जिनके पास 1-2 साल से NGO हैं और हर कोई उनके बारे में बात कर रहा है, लेकिन क्या कोई काम की बात सोचता है?”
ऐसे शुरू हुआ फिल्मी सफर
Rahul Bose ने अपनी मां के निधन के बाद कॉपी राइटर के तौर पर करियर की शुरुआत की थी, लेकिन कुछ समय बाद वह फिल्मी दुनिया में आ गए। उन्होंने 1988 की फिल्म ‘द परफेक्ट मर्डर’ से बॉलीवुड डेब्यू किया। वह ‘प्यार के साइड इफेक्ट्स’, ‘चमेली’ सहित कई फिल्मों में नजर आए। उन्होंने सैफ अली खान के पिता और क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी से क्रिकेट सीखा है। वह भारतीय रग्बी के पहले चेहरे हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।
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