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अमिताभ बच्‍चन की कोरोना कॉलर ट्यून से परेशान हुआ देश, दिल्ली उच्च न्यायालय तक पहुंचा मामला

अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो रोज अपने फोन पर किसी से बात करने से पहले ना चाहते हुए भी महानायक अमिताभ बच्‍चन की कोरोना कॉलर ट्यून सुनते हैं तो यह खबर शायद आपको थोड़ी राहत दे सकती है।   

बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्‍चन की कोरोना के बारे में देश का जागरूक करने वाली कॉलर ट्यून के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, इस याचिका में इस कॉलर ट्यून को तुरंत हटाने की मांग की गई है।

दिल्ली निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता राकेश द्वारा दायर इस याजिका में कहा गया है कि भारत सरकार ने अमिताभ बच्चन को कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए निवारक उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करने का जिम्‍म सौंफा, जबकि सुपरस्टार खुद के साथ-साथ उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी इस महामारी से नहीं बचा पाए।

अधिवक्ता ए के दुबे और पवन कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि भारत सरकार अमिताभ बच्चन को कॉलर रिंगटोन पर फीस दे रही है। लेकिन देश के कई वॉरियर हैं जो इस महामारी से लड़ रहे हैं भारत सरकार को अमिताभ बच्‍चन की आवाज हटाकर उन लोगों की आवाज से देश को जागरूक करना चाहिए जो दिन रात कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

 याजिका के अनुसार अमिताभ बच्चन का स्वच्छ इतिहास नहीं रहा है। विभिन्न अदालतों में उनके खिलाफ लंबित कई मामलों का जिक्र करते हुए याचिका में कहा गया, “अमिताभ बच्चन का स्वच्छ इतिहास नहीं है, साथ ही वह देश की सेवा नहीं कर रहे हैं।” याचिका में कहा गया कि न्याय के हित में कोरोना के बारे में जागरूक करने के लिए किसी अन्‍य आवाज का उपयोग किया जाना चाहिए और अमिताभ बच्‍चन की कॉलर ट्यून हटा देना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने इस बारे में कहा कि नवंबर 2020 से अधिकारियों ने इस बात पर कोई जवाब नहीं दिया गया जिसके बाद उन्होंने अपनी शिकायत के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया। फिलाल अभी कोर्ट का फैसला नहीं आया है।

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