Ram Mandir

वर्तमान राम मंदिर (Ram Mandir): कितना भव्य और अद्भुद है, कितना समय लगेगा, क्या विश्व का सबसे बड़ा मंदिर?

राम मंदिर

Ram Mandir: राम मंदिर परिसर जो की 67 एकड़ में बन रहा है। जिसमे से 2.7 एकड़ में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जिसमे राम मंदिर में 44 भव्य दवार है, कुछ सवर्ण जड़ित है, प्रथम सिंह दवार है। जिस भव्य मंदिर को देख कर ही सब मंत्र्मुक्त्त हो जाते हैं। उसका रूपांतरण किसने किया है ये प्रश्न आता है और फिर कितनी लगत में बन रहा है। सब कुछ हमारे प्रभु राम के भव्य राम मंदिर के बारे में चलिए जानते हैं। 

चलिए विस्तार से जानते हैं क्या है लागत से किसने किया है रूपांतरण तक: 

तो क्या आप जानते हैं, जिस राम मंदिर (Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरा देश इंतज़ार कर रहा है और उद्घाटन के बाद सब प्रभु राम के दर्शन को उत्साहित है। उस भव्य राम मंदिर का रूपांतरण “चन्द्रकांत सोमपुरा” ने किया ह। इन्होने न अभी वास्तुकार की पढाई की है न इनके पास कोई डिग्री है ना उन्होंने कोई कोर्स किया है। परन्तु आपको बता दे ये ये अपनी पुरखो से मंदिरो का रूपांतरण करते आ रहे हैं। 

इस रूपांतरण कार्य में उनका साथ इनके बेटो ने भी दिया है, “निखिल सोमपुरा और अशीष सोमपुरा”। आपको जानकर हैरानी होगी की ये करीब 15 पीढ़ियों से दुनिया भर के मंदिरों का रूपांतरण कार्य करते आ रहे हैं। इनके परिवार ने 100 से अधिक मंदिरो का रूपांतरण किया है। इनका परिवार गुजरात के अहमदाबाद में स्तिथ है। राम मंदिर (Ram Mandir) सोमपुरा परिवार के द्वारा ‘नागरा’ शैली की वास्तुकला के आधार पर बनाया है, जो भारतीय मंदिर वास्तुकला के प्रकारों में से एक है।

Ram Mandir

मंदिर परिसर बहुत ही भव्य रूप से बनाया गया है, मंदिर का पहला मॉडल आपको बता दे की 2019 के प्रयाग कुंभ मेले के दौरान प्रदर्शित किया गया था। जिसमे बताया गया था की मंदिर में ‘एक प्राथना कक्ष होगा’, एक वैदिक पाठशाला, संग्रहालय, एक रामकथा कुंज,  एक संत निवास और एक यति निवास भी होगा। साथ ही इसमें अन्य सुविधाएं भी होंगी जैसे कैफेटेरिया आदि। 

 

वहीँ खास बात यहाँ है की विश्व की सर्वोप्रसिद्ध कंपनी “लार्सन एंड टूब्रो” ने मन्दिर के डिजाइन और निर्माण की नि:शुल्क देखरेख करने की पेशकश राम मंदिर ट्रस्ट के सामने राखी। फिर राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण ट्रस्ट के द्वारा इन्हे राम मंदिर का ठेकेदार स्थापित किया गय। केन्द्रीय भवन अनुसन्धान संस्थान, राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसन्धान संस्थान और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (जैसे बॉम्बे, गुवाहाटी और मद्रास) मिट्टी परीक्षण, कङ्क्रीट और डिजाइन जैसे क्षेत्रों में सहायता कर रहे हैं। 

वहीं शयद ही कोई जनता होगा की राम मंदिर के लिए राजस्थान से 600 हजार क्यूबिक फीट बलुआ पत्थर बंसी पर्वत पत्थरों को राम मंदिर निर्माण कार्य में प्रयोग किया जायेगा और निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।

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तो बात यहाँ ख़त्म नहीं होती, और मन में प्रश्न भी उठता है की कितना भव्य होगा हमारा राम मंदिर (Ram Mandir)? 

तो चलिए आपके प्रश्न का उत्तर देते हैं, और साथ जानते हैं भव्य राम मंदिर के रूप को         

राम मंदिर एक सपना नहीं हमारे 500 सालों का संघर्ष है जो अब पूरा सा हो गया है। भगवन राम अपने बाल सवरूप में विराजमान होने जा रहे है। यह उनका निज महल जिसे हम राम मंदिर कह रहे हैं वो भी तैयार है। 22 जनवरी को रामलला की उनके भव्य राज सिंहासन पर विराजमान किया जाना है यानि प्राण प्रतिष्ठा होनी है। जैसे जैसे दिन करीब आता जा रहा है सभी के अंदर उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को और भव्य बनाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई है। ऐसे में हर एक व्यक्ति यह जाने को उत्सुक है की आखिर हमारा राम मंदिर कितना भव्य होगा। 

राम मंदिर करीब ढाई एकड़ में बन रहा है, जिसमे परिक्रमा मार्ग भी जोड़ ले तो ये करीब आठ एकड़ का परिसर हो जाता है। मंदिर परिसर  में केवल राम मंदिर नहीं होगा, राम मंदिर के अलावा परिसर में आठ मंदिर बनाये जायेंगे। राम मंदिर स्वयं में 3 मंजिला होने वाला है। जिसके गर्भ ग्रह में प्रभु राम अपने बाल सवरूप में भव्य सिंहासन पर विराजमान होने वाले हैं।  वहीं मंदिर के पहले फ्लोर पर गर्भ गृह में राम दरबार विराजित होगा। राम मंदिर में कुल 392 स्तंभ होंगे, गर्भगृह में 160 और ऊपरी तल में 132 स्तंभ होंगे। 

दरवाजों पर सोने की परत 

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राम मंदिर में कुल 44 द्वार होंगे, इनमें से केवल 18 में दरवाजे गर्भ गृह होंगे। जिनमे कहा जा रहा है की दरवाजो पर सोने की परत चढ़ाई गयी है। हर दरवाजे में करीब 3 किलो सोना लगा है। ये सभी दरवाजे सागौन की लकड़ी के बने हैं, इन दरवाजो को हैदराबाद के कारीगरों ने तैयार किया है और इनपर बहुत बारीक़ नक्काशी की है। 

राम मंदिर (Ram Mandir) के घंटे की गूंज में पूरी अयोध्या गूंजेगी।  

तो जितना भव्य राम मंदिर है। उतना ही भव्य राम मंदिर का घंटा भी है। सर्व प्रथम तो ये घंटा अष्‍टधातु (सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, लेड, टिन, आयरन, मरकरी) से बना हुआ है। अगर इसकी खासियत की बात करे तो इसकी गूंज पूरी अयोध्या की जनता के कानो में सुनाई देगी। राम मंदिर में लगाने वाले की घंटे की भव्यता की बात करे तो इसका कुल वजन 2100 किलोग्राम का है।

राम मंदिर के इस भव्य घंटे को एटा के जलेसर में तैयार किया गया है। घंटे को तैयार करने वाले फैक्‍ट्री मालिकों का कहना है कि इस घंटे में वर्षो तक जंग नहीं लगेगी और ये वर्षों तक ऐसा का ऐसा ही रहेगा। इसको बजाने पर इसकी गूंज 15 किलोमीटर तक सुनाई देगी। इस विशाल घंटे के अलावा भी मंदिर में कुछ अन्‍य बड़े घंटे लगाए गए हैं, जिनका वजन 500 से 600 किलो तक का होगा। 

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तो मन में प्रश्न आ रहा होगा की हमारे प्रभु के सिंहासन की बात तो कही हुई ही नहीं तो चलिए आज ये भी कर लेते हैं। 

तो जिस सिंहासन पर हमारे प्रभु 22 जनवरी को विराजमान होने वाले है, वो सिंहासन बन कर तैयार हो गया है। वहीं ये सिंहासन संगमरमर का बनाया गया है जिसके ऊपर सोना मढ़ा गया है। इसके उपरांत मुकुट से लेकर तमाम तरह के शिंगहार आभूसन भी सोने के होंगे। रामलला की चरण पादुका भी बन कर तैयार है, ये भी सोने की है और इसका वजन करीब 1 किलो का बताया जा रहा है। मंदिर के गर्भ ग्रह में रामलला की पूर्ति विराजित होगी।

राम मंदिर

वो आपने बाल सवरूप में विराजमान होंगे ये तो आपसभी जानते ही है। बन रहे भव्य राम मंदिर में नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप के साथ पांच मंडप भी बनाए गए हैं। 

तो क्या सम्पूर्ण राम मंदिर तैयार हो गया है? नहीं। तो फिर कितना समय लगेगा हमारे राम मंदिर को बनने में, और क्यों लग रहा है इतना समय? 

आपको ये बता दे की मंदिर परिसर में चारों दिशाओ में भगवान दिनकर, माता भगवती, प्रथम पूज्य गणेश और देवा दी देव महादेव को समर्पित मंदिर बनाए जाएंगे। उत्तर दिशा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर बनाया जाएगा, तो दक्षिण की ओर राम भगत हनुमान का मंदिर होगा। इसके साथ ही मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त, निषाद राज, माँ शबरी और देवी अहिल्या के भी मंदिर होंगे, साथ ही जटायु की मूर्ति भी बनाई जाएगी।

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तो प्रश्न फिर भी वही की किरण समय लगेगा मंदिर को पूर्ण होने में? 

तो बता दें कि अभी संपूर्ण मंदिर बनकर तैयार होने में दो साल और लगेंगे। आने वाले दो वर्षों के बाद पूरे विश्व में राम मंदिर की दिव्यता और भव्यता निखर कर सामने आ जाएगी। 

क्या कारण था मंदिर को इतना समय लग गया?

मार्च 2020 में श्री राम मन्दिर के निर्माण का पहला चरण शुरू किया। हालाँकि, तब भारत में COVID-19 महामारी के कारण लॉकडाउन लगा दिया गया और इसी बिच में 2020 चीन-भारत झड़पों होने के कारण मंदिर के निर्माण कार्य को अस्थायी रूप से स्थगित करना पढ़ा। निर्माण स्थल के समतल और खुदाई के दौरान वहां से बहुत की धार्मिक वास्तु और मूर्तियां प्राप्त हुई जिसमे एक शिवलिंग, स्तंभ और टूटी हुई मूर्तियाँ मिलीं।

फिर प्रश्न आता है की जो पुरानी मूर्ति वहां विरजाम थी उसका का किया गया और उसका मंदिर निर्माण के बाद में क्या किया जायेगा? 

तो बता दे की 25 मार्च 2020 को भगवान श्री राम की मूर्ति को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में एक अस्थायी स्थान पर ले जाया गया। अब मंदिर निर्माण के बाद वह मूर्ति भी मंदिर में पुनः स्थापित की जाएगी। 

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तो क्या किसी ने इस स्तिथि में कुछ नहीं किया, जब मंदिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ होते ही रुक गया?

तो जानिए की मंदिर के काम को अस्थायी रूप से स्थगित करने पर  विश्व हिन्दू परिषद ने एक विजय महामंत्र जाप अनुष्ठान का आयोजन किया, जो को अयोध्या में मंदिर स्थान पर भी किया गया। जिसमें 6 अप्रैल 2020 को विजय महामंत्र, “श्री राम, जय राम, जय जय राम” का जाप करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर ऋषियों ब्राहम्णो तथा आम लोगो को एकत्रित किया गया। यह मन्दिर के निर्माण में “बाधाओं पर विजय” सुनिश्चित करने के लिए  विजय महामंत्र का अखंड अनुष्ठान किया गया।  

तो हमारा भव्य राम मंदिर 2026 में सम्पूर्णतः बन कर तैयार हो जायेगा और विश्व का 3 सबसे बड़ा मंदिर होगा। वहीं शायद सबसे ज्यादा संघर्ष के बाद बनने वाला पहला मंदिर भी। 

 

यदि आप जानना चाहते हैं की कहा से हुआ हमारे राम मंदिर का संघर्ष प्रारम्भ तो और क्या क्या कदम उठाये कब हुई थी मस्जिद में रामलला की मूर्ति प्रकट तो पढ़िए भाग 1 इस लिंक पर क्लिक कर के।  

क्या राम मंदिर (Ram Mandir) संघर्ष 1717 से शुरू हुआ? जाने पूरा सच! 

 

तो क्या हुआ ऐसा 1990 में जिसके कारण 1992 के ढांचे को विध्वंश कर दिया गया और राम मंदिर के लिए नीव राखी गयी जाने के लिए क्लिक करे भाग 2 की लिंक पर और पढ़े पूरी कहानी!! 

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