Top News

शमशान में जगह की कमी हुई तो नीलबड़ में रिहायशी कॉलोनी में कर रहे हैं अंतिम संस्कार

भोपाल में कोरोना संक्रमण विकराल रूप ले चुका है। राजधानी में रोजाना कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, जिसके कारण आम लोगों में भय का माहौल तो है ही, लोगों को शमशान घाटों में शव जलाने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। 

राजधानी के विभिन्न शमशान घाटों में लगातार होते अंतिम संस्कारों के कारण जहां शमशान भूमि लगातार सुलग रही है, वहीं लोगों को अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में नीलबड़ के हरिनगर क्षेत्र में लोगों ने रिहायशी इलाके में ही चबूतरा बनाकर शवों का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है। 

इस तरह बने अघोषित शमशान घाट से आसपास के लोग घबरा गए हैं और शवों को सामने जलते देख आसपास के लोगों में दहशत का माहौल है और लोग अपने बच्चों को भी घर के बाहर निकलने नहीं दे रहे हैं।

चबूतरा बना कर जलाई जा रही लाशें :
राजधानी के हुजूर विधानसभा क्षेत्र में स्थित नीलबड़ स्थित हरिनगर कॉलोनी में लोगों ने एक चबूतरा बनाकर अघोषित शमशान बना दिया है। यहां आसपास घर होने के कारण यहां अंतिम क्रिया होने से लोगों में दहशत का माहौल है।

अंतिम संस्कार के बाद शवों की हड्डियां देख जहां बच्चे घबरा रहे हैं। वहीं कोरोना महामारी के कारण लोग संक्रमण से भी डर रहे हैं। यहां रहने वाले मोहन सिंह दांगी के मुताबिक यदि अंतिम संस्कार करने वाले संक्रमित हों तो यहां संक्रमण फैलने के खतरे से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

महामारी की पिछली लहर में भी जले थे शव :
रहवासियों की मानें तो महामारी की पिछली लहर में भी यहां खूब शव जले थे। ऐसे में यहां होने वाले अंतिम संस्कार का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है।  ऐसे में कहीं न कहीं आंकड़े प्रभावित होते हैं। पिछली बार इस मामले को लेकर कलेक्टर से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

वहीं इस मामले में प्रशासन का तर्क है कि रिकॉर्ड के मुताबिक इस क्षेत्र में पहले  शमशान घाट होने की जानकारी भी सामने आ रही है। इसलिए यहां लोगों को अंतिम संस्कार करने से नहीं रोका जा सकता है।

बिना रिकॉर्ड के ही हो रहे अंतिम संस्कार : 
इस शमशान के आसपास कॉलोनियां बनी हुई हैं। वहीं इनके बीचों बीच चौराहे पर लाश को जलाने का चबूतरा बना दिया गया है। जिसके कारण रहवासियों में रोष है। जहां शवों के अंतिम संस्कार से लोग दहशत में हैं। वहीं यहां बिना किसी रिकॉर्ड के ही लाशें जल जाती हैं, जिसके कारण भविष्य में किसी अप्रिय घटना के घटने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

Share post: facebook twitter pinterest whatsapp