Noida Twin Tower: आपके मन में यह सवाल जरुर आ रहा होगा की आखिर इस इमारत को गिराने के पीछे क्या कारण है? तो चलिए हम आपको बता देते है की यह सुपरटेक बिल्डर नोएडा शहर के 93-ए सेक्टर में अवैध तरीकों से बनायी गयी है जिसे लेकर बायर्स ने बिल्डर के साथ कई वर्षों तक लंबी लड़ाई लड़ी है, और सुपरटेक बिल्डर की और से भी कई नामी वकीलों ने इस बिल्डिंग को बचाने के प्रयास किए पर बचा नही पाएं क्योंकि इस बिल्डिंग को बनाते समय नेशनल बिल्डिंग कोड का पूरी तरह से उल्लघंन किया गया है।
कब से बनी है यह बिल्डिंग
एमरॉल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत नोएडा प्राधिकरण ने 2006 में सुपरटेक बिल्डर को नोएडा के सेक्टर 93-ए में 17.29 एकड़ ज़मीन आवंटित की थी।
कई बार बदली गई तारीख
जब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इमारत को गिराने का आदेश दे दिया तो सुपरटेक बिल्डर इमारत को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाता है पर सुप्रीम कोर्ट से भी उसे राहत नहीं मिली। हांलाकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को बिल्डिंग गिराए जाने के संदर्भ में आदेश जारी करते हुए कहा कि इसे तीन महीने के अंदर गिराया जाए। लेकिन कुछ कारणों की वजह से इसे नहीं गिराया जा सका था लेकिन इसके बाद बिल्डिंग को गिराए जाने की तारीख को आगे बढ़ा कर 22 मई 2022 की गयी।
और अब आखिरकार कोर्ट ने बिल्डिंग को गिराने के लिए 28 अगस्त 2022 की तारीख पर मुहर लगा दी।
पूरे टावर में 9640 छेद कर 3700 किलो बारुद लगाया गए है। विस्फोटक प्राइमरी और सेकेंड्री होंगे एपेक्स में 11 और सियान में 10 प्राइमरी विस्फोट किए जाने हैं। इन बारुद को ऑपरेट करने के लिए सिर्फ एक बटन दबाना होगा और गंगनचुंबी इमारत को मिट्टी के ढ़ेर में बदल दिया जांएगा। एडिफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता ब्लास्ट का फाइनल बटन दबाएंगे जिसके बाद केवल 12 सेंकेड़ में यह इमारत ढह जाएंगी, बलास्ट के बाद 35,000 घन मीटर मलबा जमा हो जाएंगा।