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भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी की सीएम को नसीहत, वर्चुअल मीटिंग से कुछ नहीं होगा, ऑक्सीजन, बेड, वैक्सीन और टेस्टिंग को बढ़ाकर लोगों को बचा लीजिए

विंध्य क्षेत्र में लोगों को समय पर सही इलाज न मिल पाने से मध्य प्रदेश की मैहर विधानसभा से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपनी ही सरकार को नसीहत दे डाली है। भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे एक पत्र में अपनी पीड़ा जाहिर की है। 

भाजपा विधायक ने पत्र की शुरुआत “कृपया मध्यप्रदेश को बचा लीजिए। पूर्ण लॉक डाउन ही अंतिम विकल्प से की है।” इस खत में वे अपनी ही सरकार के काम करने के तरीके पर सवाल उठाते हुए दिख रहे हैं।

वर्चुअल मीटिंग के तमाशे से कुछ नहीं होगा :
पत्र के एक भाग में त्रिपाठी सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए लिख रहे हैं कि ये वर्चुअल मीटिंग के तमाशे से कुछ होने वाला नहीं है। या तो लोगों के लिए दवाई, बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन की व्यवस्था व स्वास्थ्य कर्मियों, डॉक्टरों की सुरक्षा के साथ- साथ बीमारी से बचाव के उपायों पीपीई किट इत्यादि के इंतजाम करें। या प्रदेश के अतिगरीब, गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों के एक एक घर में खाने पीने की व्यवस्था कर प्रदेश में  एक माह का संपूर्ण लॉक डाउन लगाकर स्वास्थ्य टीम को घर घर जाकर स्वास्थ्य जांच, कोरोना टेस्टिंग व वैक्सीनेशन कर लोगों को बचा लीजिए।


इस पत्र में त्रिपाठी ने विंध्य क्षेत्र के बुरे हाल की दुहाई देते हुए बताया है कि मैहर से सतना रिफरल करने की कोई व्यवस्था नहीं है। सतना से रीवा होकर भी सुविधा नहीं पाई जा सकती है। रीवा से जबलपुर जाकर भी कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं नागपुर, भोपाल और दिल्ली की व्यवस्थाओं को भी विधायक ने खस्ताहाल बताया है। इसके अलावा प्रदेश के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन के अभाव में लोगों के दम तोड़ने की बात भी विधायक ने की है।

शिवराज को बताया आम लोगों का भाई, पुत्र और मामा :
पत्र में विधायक ने सीएम को प्रदेश का संवेदनशील मुखिया बताते हुए लिखा है कि प्रदर्शन जनता से आपका सीधा रिश्ता है। आपने बहन बनाया। भांजे-भांजियों का रिश्ता बनाया है। तो आपने बुजुर्गों को तीर्थयात्रा पर भेजकर पुत्र धर्म का निर्वाह भी किया है। पूरे प्रदेश का एक एक व्यक्ति आपसे रिश्ते की डोर में बंधा हुआ है।

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