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जानिए क्‍यों चाय सुट्टा कॉम्‍बीनेशन लोगों को है इतना पसंद, साथ ही जानें इसके फायदे और नुकसान

चाय सुट्टे का संयोजन इतना प्रसिध्‍द है कि आपको भारत के हर शहर में कई चाय सुट्टा बार खुले नजर आऐगें जहां लोग चाय की चुसकी के साथ सिगरेट के कश मारते नजर आते हैं। लेकिन इस बात पर कोई ध्‍यान नहीं देता कि क्‍यों चाय और सिगरेट के कॉम्‍बीनेशन को इतना पसंद किया जाता है और इन दोनों के साथ लेने के क्‍या नुकसान हो सकता है।

आइए नजर डालते हैं कि क्‍यों लोग चाय सुट्टे के आदि हो जाते हैं-

चाय और सिगरेट का संयोजन है एक अजीब तरह से काम करता है। इसीलिए अक्सर, धूम्रपान करने वालों को एक कप चाय का आनंद लेते देखा जाता है। चाय में कैफीन और सिगरेट में निकोटीन की उपस्थिति शांत और आरामदायक उत्तेजक के रूप में कार्य करते हैं, यही कारण है कि लोग चाय की चुस्की लेते समय धूम्रपान का आनंद लेते हैं और दोगुना आराम का अनुभव करते हैं। ऐसा बार बार करने से वे इसके आदि हो जाते हैं।

चाय सिगरेट साथ पीने से होने वाले नुकसान  

अगर आप चाय के साथ सिगरेट मिक्‍स करते हैं तो आपको आने वाले समय इन बीमारों का सामना करना पड़ सकता है।

  • चाय और सिगरेट के सेवन से रक्तचाप में वृद्धि की समस्याएं हो सकती हैं।
  • निकोटीन के साथ कैफीन देने से दिल की बीमारियों का खतरा अधिक बड़ जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए धूम्रपान करने की सलाह नहीं दी जाती, अगर गर्भवती महिलाएं कैफीन और निको‍टिन को जरूरत से ज्‍यादा ग्रहण करती हैं तो शिशुओं के वजन पर कॉफी का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही भ्रूण में कई विकृतियां देखी जा सकती हैं।
  • लंग्‍स कैंसर का खतरा अधिक बड़ जाता है।
  • निकोटिन और कैफीन का संयोजन आपकी नींद को हमेशा के लिए मार सकता है, कुछ मामलों में निकोटिन और कैफीन के जरूरत से ज्‍यादा सेवन पर नींद की भारी समस्‍याओं को देखा गया है।

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चाय सिगरेट साथ पीने के फायदे

एक तरफ ये माना जा सकता है कि चाय और सिगरेट दोनों साथ लेने से नुकसान हो सकते हैं लेकिन इनके कुछ फायदे भी हैं-

  • निकोटीन लार के प्रवाह को कम करता है और शुष्क मुँह के लक्षणों का कारण बनता है। इसी के साथ चाय में एक तरल पदार्थ हैं जो मुंह की सूखापन को कम कर सकते हैं।
  • गर्म चाय सिगरेट के धुएं के कारण गले में जलन को शांत करती है।
  • चाय और सिगरेट मष्तिष्‍क में डोपामाइन को तेजी से विकास करते हैं और आपको तनाव का कम अनुभव कराते हैं। साथ ही यह दोनों तनाव के लिए सुखदायक एजेंट के रूप में कार्य करतीं है।

चाय और सिगरेट दोनों नशे की लत हैं और मस्तिष्क में एक डोपामाइन पूरक के रूप में कार्य करते हैं जिससे आप आनंद का अनुभव करते हैं लेकिन समय के साथ आप इनके आदि हो जाते हैं और बाद में ये कुछ गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं।

मूल रूप से, जब मन एक ऐसी स्थिति में होता है जहां डोपामाइन की खुराक ’बढ़ जाती है, तो इनको छोड़ना कठिन होता जाता है इसलिए जितना हो उतना चाय सिगरेट का सेवन कम करें या न ही करें क्‍योंकि समय के साथ इन्‍हें छोडना बहुत कठिन हो जाता है।

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