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कर्नाटक में कांग्रेस के घोषणा पत्र से लगी आग, थोड़ी चिंगारी मध्यप्रदेश में भी उठी, शिवराज सिंह ने कहा..

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Karnataka चुनाव में कांग्रेस की ओर से जारी किए गए घोषणा पत्र (Manifesto) में बजरंग दल पर बैन लगाने को लेकर मध्यप्रदेश में भी सियासत तेज हो गई है। राज्य में इसी साल नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। सूबे में बजरंग दल को बैन करने का मुद्दा विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तरफ से जोरों-शोरों से उठाया जा रहा है।

बुधवार को राज्य में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जो संगठन नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं, उसे बैन कर देना चाहिए।

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कर्नाटक चुनाव से पहले कमलनाथ का बयान

कांग्रेस पार्टी  द्वारा बजरंग दल पर बैन लगाने की घोषणा ने Karnataka में नहीं, बल्कि पूरे देश में बवाल मचा दिया है। कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर अपना घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस सत्ता आने पर कई सौगात देने का वादा किया था। साथ ही साथ पार्टी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सत्ता बनती है तो कर्नाटक में बजरंग दल और PFI जैसे संगठनों को बैन किया जाएगा। जिसके बाद से देशभर से इस पर प्रतिक्रिया आ रही है।

कमलनाथ का कहना है कि हम तो कहते हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट और पूरा प्रदेश कह रहा है कि जो नफरत फैलाए, विवाद करवाए उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, तो ऐसा करने में क्या परेशानी है। इसके अलावा कमलानाथ ने (Karnataka) हनुमान मंदिर और मूर्ति बनवाने के संबंध में कहा कि हां मैंने मंदिर और मूर्ति बनाई है, साथ ही उन्होंने खुद को राम भक्त बताया, आगे कमलनाथ बोले, लेकिन जरा आप सोचिए कि बजरंग दल और हनुमान जी के बीच क्या संबंध है।

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भाजपा सरकार के सभी नेताओं का कमलना​थ से सवाल किया..

इसके बाद बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस की घोषणा को तुष्टीकरण की राजनीति (Karnataka) करार देते हुए कहा कि कर्नाटक मे कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र में बजरंग दल की तुलना पीएफआई से की गई है। बजरंग दल को बैन करने की बात कर कांग्रेस पार्टी ने करोड़ों हिंदुओं और राम भक्तों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का काम किया है।

मुझे पता चला है कि कमलनाथ जी ने खुद को राम भक्त कहते है तो वह क्यों नहीं बताते कि वह पार्टी के इस निर्णय के पक्ष में है या विपक्ष में। इसके बाद बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ से यह भी सवाल किया कि क्या वह दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) जी के बजरंग दल वाले ट्वीट से सहमत है या नहीं।

शिवराज बोले- कांग्रेस की मति मारी गई है

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस (Karnataka) की मति मारी गई है, जो वो बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। बजरंग दल प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है। शिवराज सिंह ने बताया कि बजरंग दल आतंकवाद का विरोध करता है, लव ज़िहाद का विरोध करता है, सामाजिक सेवा सहित देशभक्ति के भाव को जगाता है और अपने धर्म और संस्कृति के प्रति, स्वाभिमान और जागरण के भाव पैदा करता है, उसकी तुलना कांग्रेस नेता पीएफआई आतंकवादी संगठन से कर रहे हैं।

चौहान ने कहा कि यह वही कांग्रेस है जो अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण का विरोध करती है, यह वही कांग्रेस (Karnataka) जिन्होंने राम सेतू को काल्पनिक कहा था और यह वही कांग्रेस जो मौका मिलते ही हिन्दुत्व का भी विरोध करती है। आज कांग्रेस का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया।

कौन भूलेगा कि मध्यप्रदेश में सिमी SIMI के नेटवर्क को खाद-पानी कौन देता था। सर्जीकल स्ट्राइक का विरोध करने वाले, आतंकवादियों को महिमामंडित करने वाले बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं। कमलनाथ जी भगवान जी के बड़े भक्त बनते हैं। प्रतिबंध लगाने की बात कांग्रेस करती है, कमलनाथ जी जवाब दें।

कांग्रेस सरकार पर प्रधानमंत्री मोदी का पलटवार

10 मई को Karnataka Assembly Election होने जा रहे है जिसे लेकर कांग्रेस के जारी घोषणा पत्र पर प्रधानमंत्री ने विजयनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर हमला किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी प्रभु राम को ताले में बंद करने की कोशिक की और अब वो चाहते है कि बजरंग बली के नारे लगाने पर भी रोक लग जाए।

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