2 अप्रैल 2011, यह वह दिन है जो कभी भुलाया नहीं जा सकता है, आज ही के दिन टीम इंडिया ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर इंडिया को दूसरी बार विश्व चैंपियन बनाया था। श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया के सामने 274 का लक्ष्य रखा था। लक्ष्य का पीछा करते हुए इंडिया ने 4 विकेट खोकर मैज जीता था।
धोनी और गौतम गंभीर ने खेली थी महत्वपूर्ण पारी
धोनी ने मैज को छक्के के साथ खत्म करते हुए 91 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी यह पारी उन्होंने 79 गेंदो में खेली थी। वहीं गौतम गंभीर ने भी 97 रन बनाकर देश को विश्व विजेता बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
2011 विश्व कप का ताज भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। इस मैज से जुड़ी कई यादे है जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता जैसे पूरा वानखेड़े स्टेडियम ब्लू रंग की ड्रैस से भरा हुआ था। जिसमें लगभग पूरे स्टेडियम पर भारतीय प्रशंसकों का कब्जा था।
मास्टर ब्लास्टर संचिन तेंदुलकर का 22 साल का सपना हुआ था पूरा
2011 वर्ल्डकप जीतने के साथ ही मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का 22 साल का सपना पूरा हुआ था। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने ट्रॉफी उठाने के लिए 22 साल इंतजार किया था और कहा था कि यह उनके जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था।
युवराज सिंह रहे थे मैन ऑफ द सीरिज
सुवराज सिंह के बना वर्ल्डकप 2011 जीतना नामुमकिन था। युवराज ने इस टूर्नामेंट मे गेंद और बल्लें से बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया था। वो भी उस समय जब वह एक खतरनाक बीमारी से जूंझ रहे थे। और 9 मेचों में 362 रन बनाकर भारत को विश्व विजेता बनाने मे अपना योगदान दिया था।
धोनी ने छक्के के साथ मैच किया था खत्म
भारतीय क्रिकेट टीम ने 2 अप्रैल, 2011 को मेजबान के रूप में ICC विश्व कप जीतने वाला पहला देश बनकर इतिहास रच दिया था। वहीं जब धोनी की बारी आती है तो वह हर मैच छक्के के साथ खत्म करते है, उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ था। रांची के सुपरस्टार महेंद्र सिंह धोनी ने छक्के के साथ मैच जीतकर भारत को वर्ल्डकप जिताया था।