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वैशाख मास में पानी की मटकी दान देने की परंपरा, विस्तार से जानिए स्नान, पूजन विधि और इसकी महिमा

Vaishakh month: चैत्र माह की पूर्णिमा और हनुमान जयंती के साथ ही वैशाख माह के स्नान पर्व की परंपरा आरंभ हो जाती है। हिन्दू पंचाग अनुसार प्रत्येक माह किसी न किसी रुप में बहुत ही प्रभावशाली रुप से असर डालने वाला होता है। Vaishakh month में श्री विष्णु भगवान का पूजन एवं गंगा स्नान की महत्ता बहुत अधिक रही है।

इस माह के आरंभ से ही Vaishakh month स्नान का आरंभ होता है। इस पर्व के दौरान पवित्र नदियों एवं धर्म स्थलों पर लोगों का आना आरंभ होने लगता है। इस माह का प्रत्येक दिन किसी न किसी रुप में पूजा-पाठ और जप-तप के संदर्भ में बहुत ही शुभदायक होता है।

Vaishakh month

वैशाख माह 5 मई तक रहेगा। इस महीने तेज गर्मी पड़ती है क्योंकि इस दैारान सूर्य की रोशनी धरती पर ज्यादा देर तक रहती है। साथ ही सूर्योदय जल्दी हो जाता है और सूर्यास्त देरी से होता है। इसलिए ही इस समय दिन बड़े और रातें छोटी होती है।

Vaishakh month
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इस कारण स्कंद पुराण में भी बताया गया है कि Vaishakh month में जल का दान करना चाहिए, पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए और शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। मौसम के मुताबिक ऐसा करने से कई गुना पुण्य मिलता है।

वैशाख में शिव पूजा क्यों खास

पुरी के ज्यातिषाचार्य और धर्मग्रंथों के जानकार डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि भगवान शिव ने जन कल्याण के लिए समुद्र मंथन से निकला जहर पिया था। उस जहर की गर्मी से उनका शरीर नीला हो गया। उस गर्मी को कम करने के लिए ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा है।

Vaishakh month में गर्मी बहुत बढ़ जाती है। इसलिए इस महीने में खासतौर से शिवालयों में जल दान का विधान है। यही वजह है कि शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ के ऊपर जलधारा के लिए पानी से भरी मटकी में छेद कर कुशा लगाई जाती है जिससे लगातार शिवलिंग पर जल टपकता रहे।

जल चढ़ाने का विधान

स्कंद और शिव पुराण के मुताबिक Vaishakh month में सूर्योदय से पहले उठकर नहाने के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विधान बताया है। इसके लिए तांबे के लोटे में साफ पानी या तीर्थ का जल भरें। उसमें गंगाजल की कुछ बूंदे और सफेद फूल डालें। शिवालय जाकर ये जल शिवलिंग पर चढ़ा दें। ऐसा करने से जाने-अनजाने में हुए हर तरह के पाप, रोग, शोक और दोष दूर हो जाते हैं।

शिव पूजा का महत्व

पुराणों में बताया गया है कि श्रावण से पहले Vaishakh month में भी शिव की विशेष आराधना करनी चाहिए। Vaishakh month में तेज गर्मी पड़ती है, इसलिए शिव पर जलधारा लगाई जाती है। Vaishakh month के दौरान तीर्थ स्नान और दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में पशु-पक्षियों को भी जल पिलाने की व्यवस्था किए जाने की परंपरा है। जिसका विशेष पुण्य फल मिलता है। Vaishakh month 5 मई को पूर्णिमा पर खत्म होगा।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि stackumbrella.in किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

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