Panic Attack के समान है, लेकिन इसमें अंतर है। पैनिक अटैक तब होता है जब आपको डर लगता है, और एंग्जाइटी अटैक इसलिए होता है क्योंकि आप चिंतित या तनावग्रस्त होते हैं।
Anxiety और Panic Attack के लक्षण क्या हैं?
Panic Attack में दिल की धड़कन, मतली या सांस की तकलीफ जैसे अन्य शारीरिक और मानसिक लक्षण देखने को मिलते हैं। एंग्जाइटी अटैक अक्सर तनाव की वजह से आता है।
अगर इसके समान्य लक्षणों के बारे में बात करें तो एंग्जाइटी, डर, चिंता इत्यादि शामिल हैं। लक्षण सामान होने की वजह से इसके उपचार भी लगभग एक जैसे ही है। हालांकि दोनों की स्थितियों को समझने के बाद आप इस बीमारी को जल्द से जल्द ठीक कर सकते हैं। आइए जानते हैं दोनों के बीच अंतर क्या है…?
Symtoms
Panic Attack के लक्षणों में रेसिंग हार्टबीट, सीने में दर्द, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ, पेट में दर्द, पसीना आना, नियंत्रण में कमी, अचानक मौत का डर या फिर डिप्रेशन हो सकता है।
Anxiety के लक्षण, जैसे सीने में दर्द, मुंह सूखना, चक्कर आना, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी, सांस की तकलीफ, धड़कन, नींद के पैटर्न में गड़बड़ी और चिंता, सभी एक ही समय में किसी ऐसे व्यक्ति में मौजूद हो सकते हैं जो Panic Attack का सामना कर रहा है।
- Panic Attack का नीले रंग से कोई गहरा रिश्ता है, panic attack का मुख्य कारण नीला रंग है। लेकिन Anxiety में डर और टेंशन दोनों देखने को मिलता है।
- पैनिक अटैक के लक्षण बहुत तीव्र होते हैं, जबकि एंग्जाइटी अटैक का लक्षण बहुत ही हल्के और भिन्न प्रकार के होते हैं।
- पैनिक अटैक अचानक दिखाई देता है और व्यवहार में होता है। कुछ मिनट बाद शायद ठीक हो जाए लेकिन एंग्जाइटी अटैक इसके विपरीत है। यह धीरे-धीरे मिनटों या घंटों में बढ़ता चला जाता है जो लंबे समय तक रह सकता है।
Panic Attack और Anxiety से निजात पाने कुछ उपाये
डॉक्टर की दवा के बिना भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो आपके Anxiety और Panic अटैक को कम कर सकती हैं। उदाहरण के लिए आप अपनी जीवनशैली में बदलाव कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रख सकते हैं।
यह भी पढ़े: Viral Fever: वायरल फीवर की चपेट में आ चुके हैं तो इन फॉर्मूलों को आजमाएं, बीमारी को दूर भगाएं!
- पॉजिटिव रहने की कोशिश करें और उन नेगेटिव चीजों को छोड़ दें जो इन अटैक के लिए ट्रिगर कर सकती हैं।
- जानिए ऐसा क्या है जो इन अटैक के लिए आपको ट्रिगर कर रही है। पता लगाने पर आप अपने स्ट्रेस को मैनेज कर सकेंगे।
- बहुत अधिक शराब पीने या फिर कैफीन का सेवन करने से अटैक को ट्रिगर कर सकता है। इसलिए इन पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें।
- हेल्दी और संतुलित आहार खाने फर्क पड़ सकता है।
- इन लक्षणों को दूर करने के लिए कम से कम 6-8 घंटे की नींद लें।
- अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखने के लिए हर दिन व्यायाम करें।
- अपने दिमाग को शांत रखने और इन अटैक से बचने के लिए अपने आप को अलग एक्टिविटी में शामिल करें।
- सांस की एक्सरसाइज, वर्कआउट, योग का नियमित अभ्यास करें।
जिन पर आप विश्वास करते हैं उनसे बात करें और उन्हें अपने बारे में बताए या फिर उन्हें अपना सपोर्ट सिस्टम बनाएं, ताकी आप इस समस्या से बाहर निकल सकें।
यह भी पढ़े: Are thyroid disorders connected with increased blood sugar levels? Read here