सेहत। किसी भी प्रकार के संक्रमण और सूजन की कंडीशन में बुखार का आना (Viral Fever) शरीर की एक नेचुरल प्रतिक्रिया है। आमतौर पर बुखार आना इस बात का संकेत है कि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है या संक्रमण से लड़ाई चल रही है।
ऐसे बुखार आमतौर पर वायरल की लिस्ट में आते हैं। इन्हें आप वायरल फीवर (Viral Fever) भी कह सकते हैं। वायरल फीवर होने के कुछ सामान्य लक्षण हैं जैसे- ठंड लगना, सिर दर्द, कंपकंपी, शरीर में दर्द और भूख न लगना आदि।
विकास मामलों में वायरल फीवर (Viral Fever) एक-दो दिन में ठीक हो जाता है। वायरल फीवर आने पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए जानते हैं विस्तार से।
Viral Fever में क्या करें
- वायरल फीवर में आमतौर पर भूख ना लगने की वजह से व्यक्ति पर्याप्त रूप से भोजन नहीं करता है, ऐसी कंडीशन में उसे ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
- नियमित अंतराल पर ठंडे पानी से स्पंज करने से बुखार को कंट्रोल में मदद मिलेगी।
- पर्याप्त आराम करना जरूरी है। बुखार के दौरान शरीर भीतर से थक जाता है। आराम करने से शरीर को अपनी ताकत मिलने में हेल्प होती है।
- यदि बुखार कम नहीं हो रहा है या तीन दिनों में कोई सुधार के संकेत नहीं मिले हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लें
क्या नहीं करना चाहिए?
- कंपकपी और ठंड से पीडित व्यक्ति को कंबल और स्वेटर ओढाने लगते हैं, लेकिन इससे बचें, क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं होता है। ढीले कपड़े और एक कंबल ही काफी है।
- गुनगुने पानी से नहाने से बुखार कम होता है। ऐसे में स्नान करना नहीं छोड़ना चाहिए।
- भूखे नहीं रहें, इससे शरीर में कमजोरी होती है।
- डॉक्टर की सलाह के बिना, ओवर-द-काउंटर दवाएं लेने की सलाह नहीं दी जाती है। बिना डॉक्टर के पर्चे और निदान के वायरल बुखार के लिए एंटीबायोटिक्स फायदे से ज्यादा नुकसान कर सकते हैं।
वायरल फीवर के कुछ घरोलू उपचार
काली मिर्च और अदरक की चाय
काली मिर्च की चाय बनाना आसान है। आपको पहले अदरक की चाय बनानी होगी। इसके लिए पानी, दूध और पिसा या कटा हुआ अदरक उबाल लें। कुछ देर बाद चाय की पत्तियों को थोड़ा उबालने के लिए डालें।

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अंत में, उस अदरककी चाय में एक चुटकी काली मिर्च डालें। इससे आपके वायरल बुखार से लड़ने के लिए तैयार होगें।
तुलसी (Viral Fever)
वायरल बुखार (Viral Fever) के इलाज के लिए तुलसी का उपयोग काफी मात्रा में किया जाता है। मुख्य तौर से इसके एंटी-बैक्टीरियल और एंटीबायोटिक गुणों के कारण इसका इस्तेमाल होता है।
तुलसी के पत्तों को आधा चम्मच लौंग के साथ उबालकर तुलसी का रस तैयार किया जा सकता है। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छान लें और आपका तुलसी का रस बनकर तैयार है।

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इसे हर दो घंटे में आसानी से राहत पाने के लिए पीते रहें, जब तक लक्षणों में फर्क नजर ना आ जाए।
शहद और नीबू का इस्तेमाल
शहद और नीबू का सही मिश्रण सर्दी और फ्लू जैसे वायरल (Viral Fever) के लक्षणों को कम करने में उपयोगी है। इस जूस को बनाने के लिए दो चम्मच शहद और नीबू मिलाएं।

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नीबू-शहद के मिश्रण में एक चम्मच अदरक रस मिलाएं। इसे दिन में तीन से चार बार पिएं। आपको जल्द आराम मिलेगा।
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नोट- हमारा काम आपको जानकारी देना है। हम किसी तरह की बीमारी को ठीक करनेका दावा नहीं करते हैं। कृपया डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लें।
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