Happy women’s day 2021: 8 मार्च को पूरी दुनिया women’s day बड़ें जोरो शोरो से मनाती है, यह दिन महिलाओं, उनके अधिकारों और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 1900 के दशक में शुरू हुई थी, यह दिन “महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाने वाला एक वैश्विक दिन है। साथ ही इस दिन महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा जोर दिया जाता है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या दुनिया में सभी महिलाएं पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। शायद नहीं 21वी शताब्दी में भी ऐसे कई देश हैं जहां महिलाएं अभी भी बंधक हैं उन्हें किसी भी चीज पूर्ण रूप से आजादी नहीं है, और जहां महिलाओं पर अत्याचार के मामले दिन प्रतिदिन बड़ते जा रहे हैं।
आइए बात करते हैं उन 10 देशों की जो महिलाओं के लिए आज भी किसी नर्क से कम नहीं।
- सीरिया
सात साल के गृह युद्ध के बाद महिलाओं के लिए सीरिया को सबसे खतरनाक देश के रूप आता है, खबरों के अनुसार सीरिया में हर साल सबसे ज्यादा यौन हिंसा मामलें आते है, महिलाओं पर अत्याचार के मामलें लगातार सीरिया में बढते नजर आते हैं, महिलाओं के रक्षा के लिए इस देश में कानून और नियमों की भी बहुत कमी है।
- ईरान
ईरान में महिलाओं के आजादी के लिए पूरी दुनिया से सवाल उठाए जाते हैं। ईरान एकलौता ऐसा देश है जहां महिलाओं को टाइट कपड़े पहनने, अंजान पुरषों से हाथ मिलाने, हिजाब पहनने पर जेल भी हो सकती है इतना ही नहीं यहां बाल विवाह जैसी क्राइम पर भी कोई रोक नहीं हैं।
- सोमालिया
सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाओं के जोखिम का शिकार होने वाली महिलओं की संख्या सोमालिया में सबसे ज्यादा बताई जाती है। शिक्षा और आजादी के लिए लड़ने के साथ साथ इस देश की महिलाए, यौन उत्पीड़न घरेलू और घरेलू हिंसा का भी सबसे ज्यादा शिकार हैं।
- अफ़ग़ानिस्तान
तालिबान के उखाड़ फेंकने के करीब 17 साल बाद भी कई महिलाएं इस देश में नुकसान झेल रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा के बारे में आज भी अफगानिस्तान पर कई सवाल उठाए जाते हैं। आजादी, यौन हिंसा जैसे संघर्ष झेल रहीं लाखों महिलाएं उत्पीडिन का शिकार हैं। नौकरी के मामले में महिलाओं की संख्या इस देश में बहुत कम या न के बराबर बताई जाती है।
- साऊदी अरब
सऊदी अरब को महिलाओं के लिए पांचवें सबसे खतरनाक देश के रूप में स्थान दिया गया है। जिसमें महिलाओं के लिए नौकरी में भेदभाव, भेदभावपूर्ण संपत्ति के अधिकार और आजीविका बनाने में असमर्थता शामिल है। सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक प्रथाओं से महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले जोखिमों के मामले में यह देश पांचवें स्थान पर आता है।
- पाकिस्तान
पाकिस्तान छठवें सबसे खराब राष्ट्र के रूप में नामित किया गया है अगर महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बात की जाए तो। इस देश में भी अंध विश्वास की मान्यताओं का शिकार महिलाएं हमेशा से ही होती ही रही हैं। सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक व्यवहार से महिलाओं को होने वाले जोखिमों के बारे में भी इस देश में कई घरेलू यौन शोषण और यौन हिंसा के मामले देखने को मिलते हैं।
- कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य
2011 के चुनाव में दूसरे स्थान पर आने के बाद डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो महिलाओं के लिए सातवें सबसे खतरनाक देश के रूप में नामित किया गया था। लाखों महिलाएं के सामूहिक बलात्कार के मामले सहित महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार के मामले में यह देश बहुत आगे है।
- नाइजीरिया
इस्लामवादी विद्रोही बोको हराम के खिलाफ नौ साल की लड़ाई के दौरान देश की महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार और नागरिकों की हत्या का आरोप लगाने वाले मानवाधिकार समूहों ने नाइजीरिया को आठवे सबसे खतरनाक देश के रूप में स्थान पर था।
- भारत
1.3 बिलियन लोगों के साथ दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश, तीन विषयों के हिसाब से महिलओं के लिए सुरक्षित देश नहीं माना जाता। महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और उत्पीड़न का विशेष रूप से यहां महिलाओं को सांस्कृतिक, आदिवासी और पारंपरिक प्रथाओं से सामना करना पड़ता है, और देश जहां महिलाओं को मानव तस्करी का सबसे अधिक खतरा है, जिसमें जबरन श्रम, सेक्स दासता और घरेलू दासता शामिल हैं।
2012 में नई दिल्ली में एक छात्रा पर सामूहिक बलात्कार बाद से भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश और विरोध प्रदर्शन किया गया था। लेकिन समय के साथ घरेलू हिंसा और बलात्कार के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते नजर आ रहे हैं।
- यूएसए
महिलाओं के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका 10 वें सबसे खतरनाक देश के रूप में स्थान पर है, यौन उत्पीड़न के खिलाफ #MeToo अभियान के चलते एक सर्वेक्षण लिया गया था जिसके अनुसार हॉलीवुड फिल्म मोगुल हार्वे विंस्टीन पर 70 से अधिक महिलाओं द्वारा यौन दुराचार का आरोप लगाया गया था, तब से सैकड़ों महिलाओं ने सार्वजनिक रूप से व्यापार, सरकार और यौन दुर्व्यवहार के शक्तिशाली पुरुषों पर आरोप लगाया है और हजारों महिलाएं यौन उत्पीड़न या दुर्व्यवहार की कहानियों को साझा करने के लिए #MeToo सोशल मीडिया आंदोलन में शामिल हुई हैं।