सरकार द्वारा अब गिलोय को राष्ट्रीय औषधि घोषित करने की तैयारी की जा रही है। आयुष मंत्रालय ने सूचना के अधिकार के तहत गिलोय को राष्ट्रीय औषधि घोषित किए जाने के प्रश्न पर यह जानकारी दी है। साथ ही बताया कि गिलोय के अद्भुत गुणों को देखते हुए इस पर 30 से अधिक शोध किए जाने की भी तैयारी है।
दरअसल कोरोना काल में संक्रमण को कम करने के दौरान गिलोय के अद्भुत गुणों पर सबकी नजर गई थी। इन्हीं गुणों को ध्यान में रखते हुए इसे राष्ट्रीय औषधि घोषित किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने इसे विभिन्न गुणों से भरपूर माना है, जो विभिन्न रोगों को खत्म करने में खासी लाभदायक है।
दिल्ली के हरपाल सिंह राणा कर रहे हैं प्रयास :
दरअसल दिल्ली के पास स्थित गांव कादीपुरा के निवासी हरपाल सिंह राणा पिछले दाे साल से गिलोय को राष्ट्रीय औषधि घोषित करवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वे दिल्ली सहित कई राज्यों को 50 से ज्यादा बार पत्र भी लिख चुके हैं। इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस संबंध में पत्र लिखकर गिलोय के संबंध में जानाकारी दी थी।
गौरतलब है कि आजकल गिलोय का उपयाेग बुखार,एलजी, अस्थमा और डायबिटीज जैसी बीमारियों के इलाज में भी हो रहा है। जिसके कारण इसे राष्ट्रीय औषधि घोषित करने की मांग बढ़ रही है।