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पर्यावरण प्रेमी बोले बक्सवाहा आंदोलन रुकने वाला नहीं है 

बक्सवाहा आंदोलन में हिस्सा ले रहे आंदोलनकारियों को भाजपा मप्र के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा वामपंथी बताए जाने पर पर्यावरण प्रेमियों में जमकर रोष है। शनिवार शाम देश के चार पर्यावरणविदों कमलेश सिंह, चौधरी भूपेंद्र, करुणा रघुवंशी और आनंद पटेल ने StackUmbrella को सोशल मीडिया के माध्यम से पत्र भेजकर अपना विरोध प्रकट किया है। पत्र में व्यक्त किए गए विचार चारों पर्यावरणविदों के हैं। हमारे नियमित पाठक होने के कारण हम इनके पत्र का सम्मान करते हुए इसे प्रकाशित कर रहे हैं। 

बक्सवाहा बचाओ आन्दोलन में देश की तकरीबन 1000 से अधिक सामाजिक संस्थाएं नि:स्वार्थ भाव से मां भारती के गहने जैसेकि वृक्ष, औषधि, पशु-पक्षी, जीव-जंतु, नदी, झरने, तालाब, शैल-चित्र को बचाने और इस प्राचीन जंगल के काटे जाने का पिछले दो माह से निरंतर विरोध कर रही हैं। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (BJP State President MP VD Sharma) बयान दे रहे हैं कि जो भी लोग बक्सवाहा जंगल (Buxwaha Forest) के काटे जाने का विरोध कर रहे हैं, वह सभी वामपंथी विचारधारा के लोग हैं। जिन्होंने कभी विकास कार्य नहीं देखे हैं।

यह कथन उन्होंने ऐसे समय में कहा है, जब सम्पूर्ण भारत के अलग-अलग प्रदेशों के समाजसेवी, पर्यावरण मित्र, राजनीतिक दल भाजपा, कांग्रेस इत्यादि से जुड़े लोग नि:स्वार्थ भाव से इस जंगल को काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। साथ ही भारत के सभी प्रदेशों सहित अन्य देशों के लोग भी इसका भरसक विरोध कर रहे हैं, जिसमें नेपाल, भूटान, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, नाइजीरिया, श्रीलंका आदि प्रमुख देश हैं।

आप अपने ही देश में रहकर उन पर्यावरण प्रेमी, समाजसेवियों पर तंज कस रहे हैं, जो राष्ट्रवाद की परिभाषा भलि-भांति समझते हैं। आप स्वयं अपने पद की गरिमा भूल गए हैं कि आपने जो बयान दिया है उससे सभी लोग आहत हैं। विश्व के इस सबसे बड़े लोकतंत्र में जनता यदि सरकार के किसी गलत कार्य का विरोध करे, तो वह वामपंथी विचारधारा वाला कहलाता है। सबसे पहले आप इस खुद इसकी परिभाषा अच्छे से समझें और जनता से लिखित में माफी मांगें। यह आन्दोलन अब रुकने वाला नहीं है।

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