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Earthquake News: भूकंप के झटकों ने दिल्ली-NCR के लोगों की हालत की खराब, सड़कों पर गुजरी रात!

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Earthquake News: दिल्ल-NCR सहित पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस भूकंप का सेंटर पॉइंट अफगानिस्तान का हिंदू कुश इलाका बताया जा रहा है। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 मापी गई।

भारत के अलावा पाकिस्तान, तजाकिस्तान और चीन में भी झटके महसूस होने की खबर है। मंगलवार रात लगभग 10 बजकर 20 मिनट पर भूकंप आया। लोग डरकर घरों से बाहर खड़े हो गए।

उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी सहित कई स्थानों पर इसके झटकों ने लोगों को भय का अहसास कराया। हरियाणा, पंजाब, और राजस्थान में भी इसके झटके महसूस हुए।

ये रहा सेंटर पॉइंट

यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मॉलॉजिकल सेंटर के मुताबिक, मंगलवार शाम उत्तरी अफगानिस्तान में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया। इस भूकंप की गहराई 194किमी थी और इसका केंद्र उत्तरी अफगान प्रांत बदख्शां के पास हिंदूकुश श्रंखला में था। (Earthquake News)

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राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के फैजाबाद से 133 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में 6.6 तीव्रता का भूकंप आया। (Earthquake News)

इस भूकंप से जान-माल के नुकसान की फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले पिछले साल पूर्वी अफगानिस्तान में आए 6.1 तीव्रता के भूकंप में लगभग 1000 व्यक्तियों की जान चली गई थी।

दिल्ली से नोएडा तक दहशत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नोएडा के रहने वाले एक शख्स ने कहा कि उसने सबसे पहले डाइनिंग टेबल को हिलते हुए देखा। नोएडा में हाइड पार्क सोसाइटी के रहवासी का कहना था कि झटके इतने जोरदार थे कि पंखा भी हिल रहा था।

क्या वजह है भूकंप की ?

बता दें कि धरती के भीतर कई प्लेटें होती हैं, जो समय-समय पर विस्थापित होती हैं। इस सिध्दांत को अंग्रेजी में प्लेट टैक्टॉनिक और हिंदी में प्लेट विवर्तनिकी कहते हैं। (Earthquake News)

इस सिध्दांत के मुताबिक पृथ्वी की ऊपरी परत करीब 80 से 100 किमी मोटी होती है, जिसे स्थल मंडल कहते हैं। पृथ्वी के इस भाग में कई टुकड़े में टूटी प्लेटें पाई जाती हैं, यह प्लेटें तैरती रहती हैं।

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साधारण तौर पर यह प्लेटें 10-40 मिलीमीटर प्रति वर्ष की गति से गतिशील रहती हैं। हालांकि इनमें कुछ की गति 160 मिलीमीटर प्रतिवर्ष भी होती है। (Earthquake News)

भूकंप की तीव्रता मामने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना यूज किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहते हैं। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1-9 तक के आधार पर मापा जाता है।

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देश में भूकंप जोन और तीव्रता का अंदाजा

भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप के आधार पर चार जोन में बांटा गया है। जोन-2, जोन-3, जोन-4, जोन-5 है। इसमें सबसे कम खतरे वाला जोन-2 और सबसे खतरनाक जोन-5 है। (Earthquake News)

केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से भूकंप की तीव्रता का अंदाजा लगाया जाता है। सैकड़ों किमी तक फैली इस लहर से कंपन होता है। जमीन में दरारें तक हो जाती हैं। (Earthquake News)

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यदी जमीन की गहराई उथली है, तो बाहर की तरफ निकलने वाली एनर्जी सतह के बहुत नजदीक होती है। इससे बेहद नुकसान या तबाही होती है। जो भूकंप धरती की गहराई में आते हैं, उनसे सतह पर ज्यादा नुकसान नहीं होता है। समुद्र में भूकंप आने पर सुनामी उठती है। (Earthquake News)

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