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एस्टेरोइड रयुगु के सैंपल्स में आरएनए मॉलिक्यूल यूरैसिल पाया गया

एस्टेरोइड

जब भी रिसर्च एस्टेरोइड को कैप्चर करता है या पृथ्वी की सतह पर पाता है, तो उस पर रिसर्च करने लगते हैं। वे अपने रिसर्च से एस्टेरोइड के बनावट और उसमे मौजूद मॉलिक्यूल के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। एक ऐसे ही एस्टेरोइड रयुगु के सैंपल्स में आरएनए मॉलिक्यूल यूरैसिल पाया गया है, जो विशेषज्ञों को हैरान कर दिया है और उनके रिसर्च को एक नयी रौशनी दिया है।

शोधकर्ताओं ने जापानी स्पेस एजेंसी के हायाबुसा 2 अंतरिक्ष यान द्वारा एकत्र किए गए एस्टेरोइड रयुगु (asteroid Ryugu) के सैंपल्स का विश्लेषण किया है और यूरैसिल पाया है, जो आरएनए बनाने वाली सूचनात्मक इकाइयों में से एक है। मॉलिक्यूल्स जिसमें जीवित जीवों को बनाने और संचालित करने के निर्देश होते हैं। निकोटिनिक एसिड, जिसे विटामिन बी3 या नियासिन के रूप में भी जाना जाता है, जो जीवित जीवों में चयापचय के लिए एक महत्वपूर्ण कोफ़ेक्टर (cofactor) का भी उन्हीं सैंपल्स में पता चला है।

एस्टेरोइड रयुगु के सैंपल्स में मौजूद आरएनए मॉलिक्यूल यूरैसिल से जुड़ी जरूरी जानकारी 

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होक्काइडो विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर यासुहिरो ओबा (Yasuhiro Oba) के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय टीम की यह खोज इस सबूत को जोड़ती है कि जीवन के लिए महत्वपूर्ण बिल्डिंग ब्लॉक अंतरिक्ष में बनाए गए हैं और उल्कापिंडों (meteorites) द्वारा पृथ्वी पर पहुंचाए जा सकते है। निष्कर्ष नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित किए गए हैं।

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ओबा ने बताया कि वैज्ञानिकों ने पहले कुछ कार्बन युक्त उल्कापिंडों में न्यूक्लियोबेस और विटामिन पाए हैं, लेकिन हमेशा पृथ्वी के पर्यावरण के संपर्क में आने से संदूषण (contamination) का सवाल है। चूंकि हायाबुसा 2 अंतरिक्ष यान ने क्षुद्रग्रह (asteroid) रयुगु से सीधे दो सैंपल एकत्र किए और उन्हें सीलबंद कैप्सूल में पृथ्वी पर पहुंचाया गया। हालांकि , संदूषण से इंकार किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने इन अणुओं (molecules) को रियुगु कणों (particles) को गर्म पानी में भिगोकर निकाला, इसके बाद उच्च-रिज़ॉल्यूशन मास स्पेक्ट्रोमेट्री के साथ तरल क्रोमैटोग्राफी का उपयोग करके विश्लेषण किया। इससे यूरैसिल और निकोटिनिक एसिड के साथ-साथ अन्य नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक कंपाउंड्स की उपस्थिति का पता चला है।

एस्टेरोइड रयुगु के सैंपल्स में आरएनए मॉलिक्यूल यूरैसिल संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य 

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ओबा ने विस्तार से बताया है कि हमने सैंपल्स में यूरैसिल को कम मात्रा में पाया है प्रति अरब 6-32 भागों (पीपीबी) की सीमा में। जबकि विटामिन बी 3 अधिक प्रचुर मात्रा में था और 49-99 पीपीबी की सीमा में। सैंपल में अन्य जैविक अणु भी पाए गए, जिनमें अमीनो एसिड, एमाइन और कार्बोक्जिलिक एसिड का चयन शामिल है, जो क्रमशः प्रोटीन और चयापचय में पाए जाते हैं। इनमे पाए गए यौगिक समान हैं लेकिन पहले कार्बन युक्त उल्कापिंडों में खोजे गए समान नहीं हैं।

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टीम की परिकल्पना है कि रायुगु पर विभिन्न स्थानों से एकत्र किए गए दो सैंपल्स में सांद्रता में अंतर संभवतः अंतरिक्ष के चरम वातावरण के संपर्क में आने के कारण है। उन्होंने यह भी परिकल्पना की है कि नाइट्रोजन युक्त यौगिक कम से कम भाग में अमोनिया, फॉर्मलाडेहाइड और हाइड्रोजन साइनाइड जैसे सरल अणुओं से बने थे। हालांकि इन्हें रियुगु के सैंपल्स में नहीं पाया गया था, वे धूमकेतु बर्फ में मौजूद होने के लिए जाने जाते हैं और रियुगु एक धूमकेतु या अन्य मूल पिंड के रूप में उत्पन्न हो सकता है जो कम तापमान वातावरण में मौजूद था।

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ओबा ने निष्कर्ष निकाला कि रयुगु के सैंपल्स में यूरैसिल की खोज प्रारंभिक पृथ्वी में न्यूक्लियोबेस के स्रोत के बारे में वर्तमान सिद्धांतों को बल देती है। नासा द्वारा OSIRIS-REx मिशन इस साल क्षुद्रग्रह बेन्नू (asteroid Bennu) से सैंपल्स लौटाएगा और इन क्षुद्रग्रहों की संरचना का तुलनात्मक अध्ययन इन सिद्धांतों पर निर्माण करने के लिए और डेटा प्रदान करेगा।

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