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AIIMS के डॉक्टरों किया हैरान  : गर्भ के अंदर पल रहे बच्चे की कर दी हार्ट सर्जरी,मात्र डेढ मिनट में

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AIIMS:डॉक्टरों की टीम भ्रूण की वृद्धि की देखरेख कर रही है, डॉक्टरो ने कहा, “अगर बच्चा  मां के गर्भ में क्यो ना हो, फिर भी कुछ विशेष प्रकार की गंभीर हृदय रोगों का निदान संभव है

AIIMS के डॉक्टरों ने 1 मिनट 30 सेकंड में मां के पेट में ही कर डाली बच्चे की सफल Heart Surgery 

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित एम्स हास्पिटल के विशेषज्ञ डाॅक्टरो ने मां के गर्भ में एक के छोटे से मटर के दानेसाइज के बच्चे के दिल में सफल बैलून डाइलेशन किया प्रारंभिक जांच के बाद गर्भवती महिला मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया थ। डॉक्टरों ने बच्चे की हृदय की स्थिति के बारे में मातापिता को प्रारंभिक जांच के बाद सूचित किया

तो उन्होंने डाइलेशन की सहमति के लिए हां कर दिया एवं वर्तमान गर्भावस्था को जारी रखने की इच्छा जाहिर कि। इसके तुरंतबाद ही डाइलेशन की प्रक्रिया एम्स कार्डियोथोरेसिक साइंसेज सेंटर में प्रारंभ कर दी थी, कार्डियोलॉजिस्ट और भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम ने डाइलेशन की सफलतम आपरेशन किया

AIIMS में अब मां और बच्चा स्वास्थ्य 

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Credit:Google

AIIMS के प्रसूति एवं स्त्री रोग (भ्रूण चिकित्सा) विभाग के साथ मिलकर कार्डियोलॉजी और कार्डियक एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों की सभी टीम ने बताया कि ,”प्रक्रिया के बाद भ्रूण और मां दोनों सुरक्षित हैं। डॉक्टरों की टीम भ्रूण के विकास की निगरानी कर रही है। टीम ने आगे बोला, “यदि बच्चा मां के गर्भ में होने पर भी इस प्रकार के गंभीर हृदय रोगों का निदान किया सफलतापूर्वक किया जा सकता है”

AIIMS डॉक्टरो ने मां के गर्भ में किया सफल बैलून डाइलेशन किया

सर्जरी करने वाले वरिष्ठ डॉक्टर ने पत्रकारो से बातचीत के दौरान बताया कि  “हमने मां के पेट के जरिए से बच्चे के दिल में एक नुकीली सुई डाली,  फिर एक गुब्बारे कैथेटर का उपयोग कर, हमने रक्त प्रवाह में सुधार के लिए बाधित वाल्व को आसानी से खोल दियाहम उम्मीद करते हैं कि बच्चे का दिल बेहतर विकसित होगा और हृदय रोग का जन्म के बाद खतरा कम या नही भी हो सकताहै“।

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AIIMS में केवल 1 मिनट 30 सेकंड में यह कर डाला 

डॉक्टर ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया से भ्रूण के जीवन का जोखिम बन सकता था और इसे अत्यंत सावधानी से किया जाने की जरूरत है। AIIMS में कार्डियोथोरेसिक साइंसेज सेंटर की टीम के वरिष्ठ चिकित्सक विशेषज्ञ ने बोलासामान्यतः सभी प्रक्रियाएं हम एंजियोग्राफी के माध्यम से करते हैं

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लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं कियागया। इसलिए अगर कुछ गलत हो जाता, तो बच्चा मर भी सकता थायह बहुत जल्दी होना जरूरी हैं, हमने केवल 1 मिनट 30 सेकंड में यह कर डाला है, जो आश्चर्यचकित कर देने वाली बातहै

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