Business: अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों में से एक Silicon Valley Bank (SVB) दिवालिया हो गया है, जिसके बाद रेगुलेटर्स ने इसे बंद कर दिया। बैंक की संपत्ति को सील कर Federal Deposit Insurance Corporation (FDIC) को इसके एसेट्स का रिसीवर नियुक्त किया गया है।
SVB के बंद होने के चलते अमेरिका में बैंकिंग संकट ने दस्तक दे दी है। बता दें कि Silicon Valley Bank (SVB) स्टार्टअप्स में निवेश करने के लिए मशहूर था
यह विश्व भर के स्टार्टअप्स में निवेश कर चुका है। जिनमें भारत के भी करीब 21 स्टार्ट अप शामिल हैं। इन स्टार्टअप्स में Bluestone,Paytm,One97 Communications,Paytm Mall, CarWale, और InMobi Loyalty रिवाडर्स जैसे नाम शामिल हैं।
SVB मुसीबत में तब आया जब US में बढ़ते इंटरेस्ट रेट के बीच में निवेशकों ने अपने पैसे निकालना शुरु किये, जिसके बाद बैंक ने अपनी पूंजीगत स्थिति को मजबूर करने के लिए 1.75 बिलियन डॉलर का फंड जुटाने का ऐलान किया।
शेयर गिरने से हालत खराब
SVB के ऐसा करने से ही उसकी आर्थिक स्थिति पर प्रश्न खड़े होने लगे। नतीजा ये हुआ कि SVB की पैरेंट कंपनी Silicon Valley Bank Financial Group के शेयर 70 प्रतिशत तक गिर गए।
Silicon Valley Bank का पतन सारे विश्व के स्टॉक मार्केट पर भी पड़ा और वैश्विक रूप से सभी स्टॉक मार्केटों में गिरावट देखी जा रही है। क्रिप्टो मार्केटसस भी SVB के पतन से अछूता नहीं रहने वाला।
जानकरों का मानना है कि Silicon Valley Bank जैसे बड़े बैंक के बंद होने का असर क्रिप्टो मार्केट पर दिखेगा और आने वाले दिनों में मार्केट में बड़ी गिरावट देखी जा सकती है।
इन्होंने की की स्थापना
सिलीकॉन वैली बैंक अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों में से एक है, जिसकी स्थापना 1983 में Bill Biggerstaff और Robert Medearis द्वारा की गई थी। यह बैंक मुख्य रुप से स्टार्टअप्स में निवेश करता आया है। एक पोकर गेम पर सिलिकॉन वैली बैंकसेयर के रूप में स्थापित हुआ SVB, अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा बैंक है।
स्टार्ट-अप्स, टेक कंपनियों और वेंचर कैपिटल में निवेश वाली कंपनियों को फाइनेंशियल सपोर्ट प्रदान करते आए इस बैंक के पास करीब 210 अरब डॉलर के एसेट्स है। यह भारत के जाने-माने स्टार्टअप्स जैसे पेटीएम, नापतौल, कारवाले आदि में निवेश कर चुका है।
आखिर हुआ क्या था?
स्टार्टअप्स कंपनियों में निवेश करने वाले Silicon Valley Bank ने अपने ज्यादातर निवेश यूएस बॉन्ड्स में कर रखे थे। लेकिन अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी करने से बॉन्ड्स की वैल्यू कम हो गई थी।
साथ ही अमेरिका में बढ़ती महंगाई और अन्य वजहों के चलते स्टार्टअप फंडिंग में कमी होने लगी थी। नतीजतन ग्राहक बैंक से भारी तादात में निकासी करने लगे थे।
अपने सभी ग्राहकों को भुगतान करने के लिए Silicon Valley Bank को नुकसान उठाते हुए अपने बॉन्ड्स बेचने पड़े। इस कारण बैंक को करीब दो अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
जब यह बात बाहर आई कि बैंक की फाइनेंशियल कंडीशन ठीक नहीं है, तो इसकी पैरेंट कंपनी Silicon Valley Bank Financial Group के शेयर 70 फीसदी तक गिर गए।
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Silicon Valley Bank दिवालिया हो गया और रेगुलेटर्स ने इसे बंद कर दिया। बैंक की संपत्ति को सीज कर FDIC को एसेट्स का रिसीवर नियुक्त किया गया।
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