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वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर दंपति ने दिया इस्तीफा, अगले 24 घंटों में वापस ड्यूटी ज्वाइन करने के मिले आदेश

कोरोना वायरस के चलते एक डॉक्टर दंपति ने दिया इस्तीफा

कोरोना के चलते आपको देशभर में कई खबरें सुनने को मिल रहीं हैं। इस घातक वायरस के प्रकोप से हम सभी वाकिफ हैं। इसी कि चलते एक और बड़ी खबर सामने आई झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के एक सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर ने अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से कोरोनावायरस वार्ड में अपनी तैनाती को लेकर साथ में इस्तीफा दे दिया।

हालांकि पश्चिम सिंहभूम के सिविल सर्जन डॉक्‍टर मंजू दुबे ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने डॉ आलोक तिर्की को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है,  और राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी के निर्देश पर तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा है।

स्वास्थ्य सचिव के निर्देश के अनुसार, डॉक्‍टर तिर्की को 24 घंटे के भीतर ड्यूटी ज्वाइन करने को कहा गया, अन्यथा झारखंड महामारी रोग (Covid-19) विनियमन 2020 और महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्हें निरस्तीकरण का भी सामना करना पड़ सकता है। डॉ. दुबे ने कहा कि अगर वह तुरंत वापस ड्यूटी ज्वाइन करने में विफल रहते हैं तो उन्हें अपने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के पंजीकरण को रद्द करना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि उन्हें सोमवार रात को व्हाट्सएप पर और मंगलवार सुबह ईमेल पर डॉ। तिर्की का इस्तीफा मिला।

अगर डॉ. तिर्की की बात करें तोवह पहले जिला खनिज निधि ट्रस्ट के तहत जिले में थे, लेकिन नव-निर्मित दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने डीएमसीएच से इस्तीफा दे दिया और कुछ दिन पहले यहां (सदर अस्पताल) में फिर से शामिल हो गए और तीन दिन पहले कोरोनोवायरस आइसोलेशन वार्ड में तैनात किए गए।

उन्होंने कहा, 'दंपति को छोड़कर, सदर अस्पताल के अन्य 23 डॉक्टरों में से किसी ने भी इस्तीफा नहीं दिया है और न ही अब तक की छुट्टी मांगी है।'

सिविल सर्जन ने कहा कि डॉ। तिर्की ने अपने त्याग पत्र में अपनी पत्नी डॉ सौम्या की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर इस्तिफा दिया है। डॉ. तिर्की एक विशेषज्ञ चिकित्सक हैं।

दूसरी ओर, डॉ. तिर्की ने कहा कि वह ऑफिस पॉलिटिक्सका शिकार थे।मेरी पत्नी और बहन एक इम्यूनोसप्रेसिव अवस्था में हैं और संक्रमण फैलने का उच्च जोखिम रखती हैं। इसलिए, हमने अपने पदों से इस्तीफा देने की मांग की है। मेरी बहन का हाल ही में गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ है। डॉ. तिर्की ने कहा।

वैसे भी, मैं अभी जाने वाला नहीं हूं और फिलहाल अपनी सेवाएं दूंगा। लेकिन कोविद –19 संकट के एक या एक महीने ज्‍यादा समय खत्म होने के बाद इस्तीफा दे देंगे और इस नौकरी को छोड़ देंगे।

उन्होंने कहा कि यहां के लोग जानते हैं कि उन्होंने शहर में अपने आखिरी कार्यकाल के दौरान कैसे उनकी सेवा की।

"मैं गैर-संचारी रोग विभाग में चार दिन पहले यहां फिर से आया था, लेकिन अगले दिन कोरोना आइसोलेशन वार्ड में अकेले प्रतिनियुक्त किया गया था। डॉ. तिर्की ने आरोप लगाया कि अन्य डॉक्टरों को आइसोलेशन वार्ड में तैनात नहीं किया गया था और मैं अकेले मरीजों की भीड़ को कैसे प्रबंधित कर सकता था।

मैंने बिना सुरक्षात्मक किट के पहले दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आइसोलेशन वैड का ध्यान रखा। तो DMCH में वह दृश्य था, जिसमें अधिकांश दवाएँ उपलब्ध नहीं थीं, जिससे आने वाले मरीजों का इलाज किया जा सके।

भारत 21 दिनों के लिए पूर्ण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पर है, कोरोनोवायरस रोग की संख्या, कोविद -19, भारत में मामले 530 को पार कर गए और मृत्यु टोल 10 हो गई।

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