MS Dhoni World Cup Winning Six: वर्ल्ड कप 2011 के फाइनल में एम एस धोनी (MS Dhoni) द्वारा लगाया विनिंग छक्का वर्ल्ड क्रिकेट के आइकॉनिक मोमेंट्स में से एक है। अब 12 साल बाद मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के अध्यक्ष ने बड़ा फैसला लिया है। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने उस छक्के का मेमोरियल बनाने का फैसला किया है, जिसके बाद ये सिक्स हमेशा के लिए अमर हो जाएगा।
The President of the MCA, Mr. @amolkk1976, Secretary, Mr. @ajinkyasnaik along with the Apex Council Members decided to dedicate a memorial to MS Dhoni at the MCA Pavilion to commemorate his 2011 World Cup winning six.#MCA #Mumbai #Cricket #IndianCricket #Wankhede #BCCI
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— Mumbai Cricket Association (MCA) (@MumbaiCricAssoc) April 4, 2023
MCA ने ट्विटर पर दी जानकारी
एमसीए ने मंगलवार को ट्विटर पर इसकी जानकारी दी। क्रिकेट संस्था ने बताया कि मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमोल काले और सचिव अजिंक्य नायक ने शीर्ष परिषद के सदस्यों के साथ एमसीए पवेलियन में MS Dhoni के 2011 के विश्व कप फाइनल में लगाए गए विनिंग सिक्स की याद में एक स्मारक बनाने का फैसला किया है। धोनी ने इसी मैदान पर छक्का लगाकर भारत को 28 साल बाद दूसरी बार वर्ल्ड कप जिताया था।
‘वह खुद इस स्मारक का उद्घाटन’
एमसीए के अध्यक्ष ने एनएनआई से कहा, ” एमसीए अपेक्स कॉउंसिल ने निर्णय लिया है कि वानखेड़े स्टैंड्स में 2011 की जीत का छोटा सा जश्न मानाने के लिए स्मारक बनाया जाएगा। ये स्मारक उस स्टैंड पर बनेगा जहां MS Dhoni का विनिंग सिक्स जाकर गिरा था। हम धोनी से आग्रह करेंगे कि वह खुद इस स्मारक का उद्घाटन करें।”
‘MS Dhoni से युवा होंगे प्रेरित’
वहीं महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अजिंक्य नायक ने कहा, ये MS Dhoni की मैच विनिंग पारी को एक ट्रिब्यूट होगा। उम्मीद है कि इससे कई सारे युवा प्रेरित होगे और एमएस धोनी के नक्शे कदम पर चलने की कोशिश करेंगे।
बता दें कि वानखेड़े स्टेडियम में पहले से ही सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर और विजय मर्चेंट जैसे महान खिलाड़ियों के नाम पर स्टैंड हैं। पोली उमरीगर और वीनू मांकड़ के नाम पर भी गेट हैं। 2011 में भारत की वनडे विश्व कप जीत की 12वीं वर्षगांठ के अवसर पर, MS Dhoni ने फाइनल के कुछ किस्से भी साझा किए थे।
उस माहौल को दोहराना कठिन-धोनी
MS Dhoni ने कहा हमें बहुत ज्यादा रनों की जरूरत नहीं थी। हमारे बल्लेबाजों ने अच्छी और मजबूत साझेदारियां की थी। इसके बाद स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने वंदे मातरम गाना शुरू कर दिया। मुझे लगता है कि उस माहौल को फिर से बनाना बहुत मुश्किल है – शायद इस साल भारत में होने वाले विश्व कप में भी ऐसा ही नजारा हो। आप जानते हैं, उस माहौल को दोहराना बहुत कठिन है, लेकिन इसे केवल तभी दोहराया जा सकता है जब वैसा ही अवसर हो जैसा 2011 में था। तब जब 40, 50 या 60 हजार लोग साथ गा रहे हों।
संतुष्ट करने वाला अहसास- MS Dhoni
धोनी ने कहा मेरे लिए जीत का क्षण सबसे खास नहीं था, मेरे लिए खास पल मैच खत्म होने से 15-20 मिनट पहले शुरू हो चुका था, जब मैं पूरी तरह भावुक हो गया था। मैं उस मैच को खत्म करना चाहता था। हम जानते थे कि हम उस मैच को उस क्षण से जीत ही लेंगे और हमारे लिए हारना तब बहुत मुश्किल था। यह एक संतुष्ट करने वाला अहसास था कि काम हो गया। अब आगे का रास्ता देखते हैं।
विश्व कप फाइनल
श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में टीम इंडिया ने गौतम गंभीर के 97 रन और महेंद्र सिंह धोनी के नाबाद 91 रन की बदौलत जीत हासिल की। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 274/6 का स्कोर खड़ा किया। महेला जयवर्धने (103 *) के नाबाद शतक, कप्तान कुमार संगकारा (48), नुवान कुलसेखरा (32) और थिसारा परेरा (22 *) की शानदाक पारियों ने श्रीलंका को अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। युवराज सिंह और जहीर खान ने दो-दो और हरभजन सिंह ने एक विकेट लिया।
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275 रनों का पीछा करते हुए भारत ने सहवाग (0) और तेंदुलकर (18) का विकेट जल्दी खो दिया था। इसके बाद गौतम गंभीर और विराट कोहली (35) के बीच 83 रनों की साझेदारी ने भारत की संभावनाओं को जीवित कर दिया था। गंभीर ने 122 गेंदों में 97 रन बनाए और कप्तान एमएस धोनी के साथ चौथे विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी की। धोनी और युवराज (21 *) ने पांचवें विकेट के लिए नाबाद 54 रनों की साझेदारी की, जिसने टीम इंडिया को 28 वर्षों में अपना पहला विश्व कप खिताब दिलाया। धोनी 79 गेंदों में 91 रन बनाकर नाबाद रहे।
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