कोरोना के इस बुरे दौर में पूरा देश महामारी से बचने का हर संभव प्रयास कर रहा है, एक तरफ जहां सरकार की असफलताएं देखते हुए लोग एक दूसरे की मदद कर रह हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ इस महामारी के दौर में भी लोगों जान की परवाह नहीं कर रहे।
बीते कुछ दिनों में बढते कोरोना वायरस के बीच कुछ ऐसे उदाहरण देखने को मिले हैं जिनकी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है।
85 वर्ष के नारायण दाभलकर ने एक युवा के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी-
85 वर्षीय एक कोरोना रोगी जिन्हें ऑक्सीजन की शख्त जरूरत थी, उन्होनें अस्पताल के अपने वेड को एक युवा रोगी को दे दिया ताकि उसकी जान बचायी जा सके।
नारायण दाभलकर को 22 अप्रैल को इंदिरा गांधी रुघनालय में भर्ती कराया गया था। दाभलकर ने घर वापस जाने का फैसला किया जब उनसे एक महिला से अपने 40 वर्षीय पति को भर्ती करवाने के लिए गुहार लगाई। उन्होंने एक मरीज के जीवन को बचाने के लिए अस्पताल में अपना बिस्तर छोड़ने का फैसला किया।
डाभलकर ने कथित तौर पर डॉक्टरों को बताया कि, “मैं 85 साल का हूं। मैंने अपनी जिंदगी जी ली है। एक जवान का जीवन बचाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। कृपया मेरा वेड उन्हें सौंप दें।”
आगरा पुलिस ने किया मानवता को शर्मसार
सोशल मीडिया पर खबरों में रही आगरा पुलिस की यह घटना काफी चर्चाओं में रही, टाइम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार दीपक लवानिया ने एक वीडियो साझा करके ट्विटर पर दावा किया कि एक व्यक्ति जिसके अपनी मां के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया था उसे पुलिस द्वारा ले लिया गया।
युवक वीडियो में भीक मांगते हुए देखा जा सकता है और पुलिस से गुहार लगाता हुआ कह रहा है कि मेरी मां चली जाएगी उसे वापस न ले।
पत्रकार ने दावा किया कि आगरा के निजी अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर को जब्त कर लिया गया और ‘इसे एक वीआईपी को शौंप दिया गया।
मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना काफी चर्चाओं में रही।
यहां देखें घटना का वीडियो-
(2/2) The incident took place on Tuesday evening. The man and his mother were not traceable. pic.twitter.com/61HyXyOz3S
— Deepak-Lavania (@dklavaniaTOI) April 28, 2021