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जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए वहां आग की तरह फैल गया कोरोना, कुंभ के बाद हरिद्वार में भी कोरोना विस्फोट

देश के 5 राज्यों जहां हाल ही में चुनाव संपन्न हुए वहां कोरोना आग की तरह फैल गया है। प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा जिस बात की आशंका व्यक्त की जा रही थी। आखिरकार महामारी सभी राज्यों में उसी तेजी से फैल रही है। चुनाव आयोग और सरकार ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, पुडुचेरी और केरल के लोगों की जान जोखिम में डाल दी है।

साथ ही इसके कारण पूरे देश में भी संक्रमण के तेज होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इन सभी 5 राज्यों में पिछले 50 दिनों से चुनावी कार्यक्रम हो रहे थे, जो अब लोगों के लिए जानलेवा साबित होने लगे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन राज्यों में तेज होती कोरोना की रफ्तार साफ नजर आ रही है।

चुनावी राज्यों में संक्रमण की दर 532 प्रतिशत तक :
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो इन 5 राज्यों में 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक कोरोना आग की रफ्तार से बड़ा है। कोरोना का संक्रमण सबसे तेजी से असम में फैला है। यहां संक्रमण 532% तेजी से फैला है। वहीं पश्चिम बंगाल में संक्रमण की दर 420% रही है। इसके अलावा पुडुचेरी में 165%,  तमिलनाडु में 159% और केरल में संक्रमण फैलने की दर में 103% की तेजी आई है। इसके अलावा आंकड़ों पर गौर करें तो इन 5 राज्यों में मौतों में भी 45 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।


वहीं बुद्धिजीवियों की मानें तो इन 5 राज्यों में आने वाले समय में स्थितियां और बिगड़ सकती हैं। यदि इन राज्यों में कोरोना काल के दौरान चुनावी रैलियां न की जाती और ताबड़तोड़ भीड़ इकट्ठी न की जाती, तो हजारों लोगों को असमय मरने से बचाया जा सकता था। हालांकि अब इन राज्यों में हालात बेकाबू हो चुके हैं। अब देखना ये है कि सरकार की जिद और चुनाव आयोग की लापरवाही कितने लोगों को मौत के मुंह में धकेलती हैं।

इन पांच राज्यों में कोरोना मचा रहा है कोहराम :

1. असम : 14 दिनों में संक्रमितों की संख्या 537 से बढ़कर 3398 हुई :
असम में 16 से 31 मार्च के बीच कोरोना संक्रमितों की संख्या केवल 537 थी। जो अगले 14 दिनों में बढ़कर 3398 हो गई। यानी संक्रमण की दर 532 प्रतिशत तेजी से बढ़ती गई।

2. पश्चिम बंगाल : 8 हजार से बढ़कर 42 हजार हो गए मरीज 
पश्चिम बंगाल में 16 मार्च से 31 मार्च के बीच मरीजों की संख्या 8 हजार थी, जी अगले 14 दिनों में 420 प्रतिशत बढ़कर 42 हजार हो गई।

3. पुडुचेरी : यहां भी 165 प्रतिशत तेजी से बड़े मरीज
पुडुचेरी में भी 31 मार्च तक केवल 1400 मरीज थे। यहां स्थितियां बहुत अच्छी थीं, लेकिन चुनाव के बाद मरीज अचानक बढ़ने लगे और पेशेंट्स की संख्या 3 हजार को पार कर गई।


4. तमिलनाडु : 25 हजार से बढ़कर 65 हजार हो गए मरीज
तमिलनाडु में भी संक्रमण की गति में खतरनाक तेजी देखी गई। यहां 16 से  31 मार्च के बीच मरीजों की संख्या 25244 थी। जो 1 अप्रैल से बढ़ने लगी। और 14 अप्रैल को एक्टिव मरीजों की संख्या 65, 458 के करीब पहुंच गई।

5. केरल : यहां भी 103 प्रतिशत की तेजी से बड़े मरीज
केरल में भी धीरे धीरे मरीजों की संख्या कम होने लगी थी। जो 1 अप्रैल से बढ़ना शुरू हो गई। 16 मार्च से 31 मार्च तक यहां एक्टिव मरीजों की संख्या लगभग 30 हजार थी। लेकिन अगले 14 दिनों में ये बढ़कर 62 हजार के पास पहुंच गई।

1974 के बाद सभी 13 अखाड़े पहुंचे कुंभ स्नान करने :
उत्तराखंड कोविड 19 स्टेट कंट्रोल डिपार्टमेंट की मानें तो 10 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच महज 5 दिनों में 2167 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। गौरतलब है कि हरिद्वार में निरंजन अखाड़े द्वारा कुंभ का आयोजन किया गया था। वहीं यहां अप्रत्याशित संख्या में लोग कुंभ स्नान करने हरिद्वार पहुंचे थे। 1974 के बाद पहली बार सभी 13 अखाड़े यहां बैसाखी शाही स्नान करने पहुंचे थे। जब यहां बड़ी संख्या में लोग पॉजिटिव होने लगे तो निरंजन अखाड़े द्वारा आयोजन को रद्द कर दिया गया। 12 अप्रैल 14 अप्रैल के बीच यहां लाखों लोग शाही स्नान करने पहुंचे थे।


निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना संक्रमण से मौत :
मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है। वे शाही स्नान में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश से हरिद्वार गए थे। संक्रमित होने के बाद देहरादून के कैलाश अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जहां गत दिनों उन्होंने अंतिम सांस ली।

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