बढ़ते डिजिटल इंडिया के साथ साथ साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं और इन फ्राडस के शिकार हुए लोगों की लिस्ट में सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि बड़े बडे सेलिब्रिटी भी शामिल है।
कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता भी ऑनलाइन ठगी का शिकार हुईं हैं। हर्षिता केजरीवाल, जिनके पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी-दिल्ली) से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री है, वह भी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म ओएलएक्स पर सेकंड हैंड सोफा बेचने के चक्कर में 34,000 गवा बैठीं।
Delhi: Daughter of Chief Minister Arvind Kejriwal, duped of Rs 34,000 while she was selling a second-hand sofa over the internet (7.2.21)
A case of cheating has been registered at the Civil Lines Police Station
— ANI (@ANI) February 9, 2021
कैसे हुआ फ्राड
सोफा बेचने के लिए उन्होनें एक इच्छुक खरीदार से संपर्क किया गया था और दोनों सौदे के लिए सहमत हुए थे। खरीददार ने हर्षिता को एक क्यूआर कोड भेजा और उसे राशि प्राप्त करने के लिए इसे स्कैन करने के लिए कहा। पहले, उन्होंने प्रामाणिकता स्थापित करने के लिए अपने खाते में एक छोटी राशि हस्तांतरित की। इसके फिर, दो अलग-अलग किस्तों में हर्षिता के खाते से 34,000 रुपये डेबिट किए गए।
कैसे काम करता ऐसा स्कैम?
इस प्रकार के घोटाले में, धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति आपका विश्वास हासिल करने के बाद एक यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या UPI का उपयोग करते हैं, जैसा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की बेटी के मामले में है।
UPI, Google Pay, PhonePe, और अन्य ऐसे ऐप्स की बढ़ती लोकप्रियता के साथ पैसे ट्रांसफर करने के सबसे सुविधाजनक तरीकों में से एक के रूप में उभरा है। सामने वाला व्यक्ति आपको इसके लिए एक QR कोड देता है जिसे आप पैसे लेने के लिए स्कैन करते हैं और अपने अकाउंट से पैसे गवा देते हैं।
कैसे बचे-
कभी पैसे लेते समय किसी भी प्रकार के QR कोड को स्कैन करने से बचें, याद रखें जब आपको पैसे देने होते हैं तब आपको QR कोड स्कैन करना होता है अन्यथा पैंमेट लेते समय UPI, Google Pay, PhonePe नम्बर ही काफी होता है।
कई सेलिब्रिटी हो चुके हैं शिकार-
हर्षिता पहली जानी मानी हस्ती नहीं हैं जो इस फ्रॉड का शिकार हुईं हैं बल्कि बॉलीवुड अभिनेतत्री स्वरा भास्कर, टीवी एक्टर नकुल मेहता, दलजीत कौर और धीरज कपूर जैसे कई बड़े लोग हैं जो ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं।
वेब सीरीज ‘जामताड़ा’ करेगी मदद
ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर क्राइम जैसे अपराध को समक्षने के लिए एक वेब सीरीज ‘जामताड़ा’ लोगों की मदद कर सकती है।
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