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जलवायु परिवर्तन के कारण MP हो या UP जमकर बरस रहें बादल, फसलों को नुकसान कृषि परेशान..

Climate Change: उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में पिछले कई दिनों से जारी बारिश के कारण एक तरफ तापमान में गिरावट दर्ज की गई है वही, दूसरी ​तरफ देश के पहाड़ी इलाकों में भी बारिश और बर्फबारी का दौर बना हुआ है। मई महीने के दौरान भी मौसम ठंडा बना हुआ है और लोगों को भीषण गर्मी और लू का कोई एहसास नहीं हो रहा है।

मौसम विभाग का कहना है कि देश के कई इलाकों में अभी आगे भी बारिश का दौर बना रहेगा। राजधानी दिल्ली और एनसीआर (NCR) में बुधवार को झमाझम बारिश के बाद आज सुबह कई इलाकों में कोहरा (Fog) देखा गया।

इन राज्यों में बदलेगा मौसम का मिजाज

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कई इलाकों, बिहार, उत्तर और पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, ओडिशा, तेलंगाना, केरल, दक्षिण कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में (Climate Change) आज बारिश होने की संभावना है। तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश में आज सामान्य बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की आशंका है।

सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में हल्की बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। पूर्वी मध्य प्रदेश और झारखंड में एक या दो जगहों पर भी बादल बरस सकते हैं।

Climate Change
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मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट

मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली में 7 मई तक बारिश का माहौल बना रहेगा। उत्तराखंड में अगले 4 दिनों तक बारिश (Climate Change) होने की संभावना है। इस दौरान ऊंचाई वाले कई इलाकों में बर्फबारी होने का भी अनुमान लगाया गया है। बिहार के कई इलाकों में आज बारिश हो सकती है। हालांकि राज्य में शुक्रवार से मौसम साफ रहने का अनुमान लगाया गया है। पश्चिमी हिमालय के इलाकों में भी ज़ोरो की बारिश होने का अनुमान है।

बीते दिन इन राज्यों में बरसे बादल

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, MP समेत 6 राज्यों में बीते दिन भी बारिश हुई थी। बंगाल की खाड़ी में नया चक्रवात बनाया गया, मछुआरों को समुद्र (Climate Change) में ना जाने की सलाह दी गई। ऐसी ही हालत चेन्नई, जबलपुर और श्रीनगर की हैं। मंगलवार को देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश हुई। देश में पिछले कई दिनों से बारिश और आंधी-तूफान का दौर जारी है।

वहीं, भारतीय मौसम (Climate Change) विभाग ने बीते दिन कहा कि 6 मई के आसपास साउथ-ईस्ट बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है। इसके कारण उसी क्षेत्र में एक लो प्रेशर एरिया बनेगा। जिसका असर अगले 48 घंटों तक रहेगा। ये लो प्रेशर एरिया 8 मई को डिप्रेशन में बदल जाएगा जो 9 मई को साइक्लोन में तब्दील हो जाएगा।

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IMD (India Meteorological Department) के निर्देश

बिन मौसम बारिश को देखते हुए IMD ने मछुआरा समाज के लोगों को साउथ-ईस्ट बंगाल की खाड़ी में ना जाने की सलाह दी है। उधर, निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर (Private Agency Skymet Weather) का मानना है कि 2023 की पहली छमाही में किसी भी ट्रॉपिकल साइक्लोन के आने की बहुत कम संभावना है। पिछले 4 साल में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।

मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि वह अगले साल हीट इंडेक्स (Heat Index) लॉन्च करेगा। इससे लोगों पर गर्मी के प्रभाव (Climate Change) की जानकारी हासिल करने और अलग-अलग जगहों के लिए हीट वेव अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी। IMD ने पिछले हफ्ते से एक्सपेरिमेंटल हीट इंडेक्स जारी करना शुरू भी कर दिया है। इसमें तापमान, नमी और हवा आदि फैक्टर्स का ध्यान रखा जाता है।

बारिश ने खराब ​की किसानों की फसलें..

उत्तर प्रदेश के चंदौली, मिर्जापुर, भदोही में लगातार बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, इसके साथ ही हाथरस में बारिश (Climate Change) और ओलावृष्टि ने भी फसलों को बर्बाद किया है, इस लिस्ट में फिरोजाबाद और जौनपुर भी शामिल है।

सवाल फिर वही अभी इतनी बारिश तो मानसून का कया होगा?

PTI एजेंसी (Press Trust of India Ltd) के मुताबिक भारत के बड़े हिस्से में बारिश का दौर असामान्य है, पिछले तीन दिनों से पूरे भारत में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। लेकिन इसके कारण जमीन के ठंडे होने से मानसून में देरी नहीं होगी।

मानसून (Monsoon) जमीन और हिंद महासागर के बीच तापमान (Climate Change) और दबाव के अंतर से चलता है। गर्म जमीन से एक कम दबाव का क्षेत्र बनता है जो समुद्र से नम हवा खींचता है। इसी से बारिश होती है। आईएमडी (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा है कि जमीन के ठंडे होने और मानसूनी हवाओं के कमजोर होने के बीच कोई कनेक्शन नहीं है। गर्मी का सीजन अभी बाकी है।

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