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Bhagat Singh Birth Anniversary: भगत सिंह द्वारा कही गयीं ये 10 बातें आपको अंदर से हिला कर रख देंगी-

देश के लिए अपनी जान न्‍योछावर करने वाले शहीदों में भगत सिंह का नाम सबसे ऊपर आता है, शहीद भगत सिंह. भारतीय इतिहास के पन्नों में दर्ज एक ऐसा नाम, जिनके बलिदान की कहानियां हम और आप बचपन से सुनते और पढ़ते आए हैं।

27 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में (जो अब पाकिस्तान में है) पैदा हुए भगत सिंह सिर्फ 23 वर्ष की छोटी-सी उम्र में देश के लिए फंसी के फंदे पर झूल गए थे। लेकिन इतनी छोटी सी उम्र में उन्‍होनें युवाओं और देश के लोगों के लिए कई किताबें लिखी थी जो युवाओं और देश के लोगों को आजादी के लिए जागरूक कर सकें।

आज भगत सिंह के जन्‍मदिवस पर आइए जानते हैं भगत सिंह द्वारा कही 10 ऐसी बातें जो आपको प्र‍ेरित करेगीं-

1. “वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में सक्षम नहीं होंगे” 

2. “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।” – भगत सिंह

3. राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है।

4. “सूरा सो पहचानिए जो लरे दीन के हेत, पुरजा-पुरजा कट मरे कबहू न छाड़े खेत” यानी बहादुर वे हैं जो दलितों के लिए लड़ते हैं, उसके अंग-भंग हो जाने पर भी वह समर्पण नहीं करता।’ इसका मतलब सिर्फ वही लोग बहादुर होते हैं जो गरीब तबके के लोगों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ता है। और भले ही उसे अपने कारण के लिए अपने अंगों को खोना पड़े, वह अन्याय के खिलाफ अपना संघर्ष नहीं छोड़ते।

5. “मुझे खुद को बचाने की कोई इच्छा नहीं थी, और मैंने कभी इसके बारे में गंभीरता से नहीं सोचा।” भगत सिंह ने अपने इस विचार में बताया कि वे देशप्रेम में इतना मग्‍न थे कि उन्‍होंने खुदको बचाने की इच्‍छा को कभी गंभीरता से नहीं लिया।

6. “प्रेमी, पागलपन और कवि एक ही मिटटी से बने होते हैं।”

7. “जिंदगी अपने दम पर जी जाती हैं, दूसरो के कंधो पर तो सिर्फ जनाजे उठते हैं।”

8. “श्रम ही समाज का वास्तविक निर्वाहक है”

9. कोर्ट में बॉम्‍ब गिराने के आरोप में भगत सिंह ने कहा था‍ कि “अगर बहरो को सुनाना है, तो आवाज बहुत ज़ोरदार होनी चाहिए। जब हमने बम गिराया, तो हमारा किसी को मारने का हमारा इरादा नहीं था। हमने ब्रिटिश सरकार पर हमला किया है। अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे मुक्त करना होगा।” 

10. “लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा!” 

“क्रांति का मतलब विद्रोह नहीं होता” भगत सिंह

कई लोग भगत सिंह कि फोटो को प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगाते हैं। लेकिन शायद ही उनमें से किसी ने भगत सिंह राय, विचार और विचारधारा समझने की कोशिश की हो। जब भी आप ‘भगत सिंह’ का नाम सुनते हैं, तो आप में से कई लोग भगत सिंह से हथियार और हिंसा जैसे शब्द जोड़ते हैं।

लेकिन ऐसा नहीं है भगत सिंह अपने समय के प्रखर बुद्धिजीवी माने जाते थे? उनके दोस्तों ने कहा कि जब भी वे उन्हें देखते थे, उनके हाथ में एक किताब होती थी। उन्होंने लंबे समय तक ब्रिटिश, यूरोपीय, अमेरिकी, रूसी साहित्य का अध्ययन किया था। कुछ अनुमानों के अनुसार, गिरफ्तार होने से पहले भगत सिंह ने 250 से अधिक पुस्तकें पढ़ी थीं। और जेल में बिताए दो साल में उन्होंने 300 से ज्यादा किताबें पढ़ीं थीं।

न केवल किताबें पढ़ने के लिए, बल्कि भगत सिंह अपने प्रसिद्ध थे बल्कि लिखने के लिए भी वह काफी प्रसिध्‍द थे। उनके लेख कीर्ति, अकाली, वीर अर्जुन और प्रताप जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। वे उस समय की फेमस पत्रिकाएँ थीं।

भगत सिंह ने “बम और पिस्तौल क्रांति नहीं ला सकते”

विचारों पर क्रान्ति की तलवार तेज होती है।”

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