Ayurvedic Herbs: भले ही विज्ञान आयुर्वेद को नहीं मानता हो लेकिन ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें आयुर्वेद की मदद से कई बड़ी बीमारियों का इलाज किया गया है। आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी बूटियां हैं जिनमें बड़ी से बड़ी बीमारियां दूर करने की शक्तियां होती हैं।
आइए बात करते हैं उन जड़ी बूटियों की जो कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों के इलाज में भी काफी मददगार हुई हैं। इसके अलावा ये जड़ी बूटियां छोटी मोटी बीमारियों का इलाज करने के लिए काफी कारगर साबित हुई हैं।
1. तुलसी
तुलसी न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है बल्कि फेफड़ों से संबंधित बीमारियों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, फ्लू आदि से राहत दिलाने में भी मदद करती है। तुलसी हममें से लगभग सभी के घरों में पायी जाती है। आम तौर पर इसका उपयोग सिर्फ सर्दी जुकाम में किया जाता है लेकिन इसके अलपवा तुलसी ऐंठन, गैस्ट्रिक विकार, शुगर कम करने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और त्वचा की समस्याओं के लिए किया जा सकता है।
2. आंवला
भारतीय आंवला प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक आयुर्वेदिक दवा है। आंवला पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मददगार होता है। यह शरीर को भीतर से साफ करने में भी मददगार है। लेकिन क्या आप जानते हैं श्वसन विकारों में आंवला लाभकारी सिद्ध होता है।
आंवला के नियमित सेवन से न केवल स्वस्थ और चमकती त्वचा मिलती है बल्कि आंखों की रोशनी में भी सुधार होता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है और रक्त शर्करा और लिपिड को नियंत्रित करता है। मुरब्बा, अचार या कैंडी के रूप में आप इसे खा सकते हैं।
3. नीम
लगभग हर भारतीय नीम के लाभों को जानता है, नीम को चमत्कारी जड़ी बूटी के रूप में भी जाना जाता है इतना ही नहीं नीम खून साफ करता है। इसमें फंगस, वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है। लेकिन एक बात जो शायद बहुत कम लोगों को पता है वह यह कि इसको कैंसर रोधी गुणों के लिए जाना जाता है। यह अल्सर, भूख न लगना, हृदय रोग, मधुमेह और यकृत रोगों से लड़ने के लिए बहुत फायदेमंद है।
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4. हल्दी
हल्दी को सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों में से एक कहा जाता है क्योंकि इसमें औषधीय गुणों के साथ बायोएक्टिव यौगिक होते हैं। हल्दी में सबसे सक्रिय यौगिकों में से एक करक्यूमिन है जिसमें मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। यह एंटी बैक्टीरियल है जो बैक्टीरियल बीमारियों से लड़ने में मदद करती है।
5. गिलोय
गिलोय हमेशा से कई बीमारियों के लिए बहुत कारगर माना जाता है। पुराने जमाने से इसका इलाज बुखार के लिए आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग मधुमेह के लिए भी किया जाता है।
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6. अश्वगंधा
आयुर्वेद में अश्वगंधा एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। इसकी जड़ों और पत्तियों का अर्क या पाउडर विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। यह रक्त शर्करा, कोर्टिसोल के स्तर, अवसाद और सूजन के लक्षणों को कम कर सकता है। यह मांसपेशियों की ताकत को भी बढ़ाता है। अवश्वगंधी सेक्सुअल स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में कारगर होता है लेकिन इसका उपयोग करने से पहले आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
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