Agniveer Yojana: भारतीय सेना में अब जवानों की भर्ती अग्निपथ स्कीम के जरिए करती है. लेकिन लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने अग्निवीर योजना के मुद्दे को जोर-शोर के साथ जनता के बीच उठाया. इतना नहीं जब बीजेपी ने सरकार बनी तो उनके सहयोगी दल ने भी अग्निपथ स्कीम में बदलाव की मांग की. वहीं जिस दिन इस स्कीम को लागू किया गया था तब से यह बात भी रक्षा मंत्रालय की तरफ से कही गई थी कि समय-समय पर इसको रिव्यू किया जाएगा. अगर कोई परिवर्तन करना हो तो उसे भी किया जाएगा.
अग्निपथ स्कीम को लागू हुए डेढ़ साल का वक्त हो चुका है और इन डेढ साल में इस स्कीम को रिव्यू किया जा रहा है. सूत्रों की माने DMA यानी कि डिपार्टमेंट ऑफ मिलेट्री अफेयर्स ने तीनों सेना से इस पर रिपोर्ट मांगी है. सूत्रों की मानें तो चार साल के कार्यकाल को बढ़ने, ज्यादा भर्ती और 25 पर्सेंट रिटेंशन की सीमा को बढ़ाने की बात की जा रही है, लेकिन यह कितनी होगी इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. इसके अलावा ट्रेनिंग और या ड्यूटी पर किसी अग्निवीर को मौत या घायल होने की सूरत में परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने को लेकर भी मंथन हो रहा है.
अग्निवीर के बाद क्या करना चाहिए?
चार वर्ष की अवधि पूरी होने पर अग्निवीर अनुशासित, गतिशील, प्रेरित एवं कुशल कार्यबल(Agniveer Yojana) के रूप में अन्य क्षेत्रों में रोजगार हेतु अपनी पसंद की नौकरी में अपना कैरियर बनाने के लिए जाएंगे।
Agniveer Yojana का प्रस्ताव किसने दिया था?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 जून 2022 को सशस्त्र बलों में सेवा देने के लिए भारतीय(Agniveer Yojana) युवाओं के लिए अग्निपथ नामक एक आकर्षक भर्ती योजना को मंजूरी दी और इस योजना के तहत चुने गए युवाओं को अग्निवीरों के रूप में जाना जाएगा।
हर साल कितने अग्निवीर की भर्ती की जाएगी?
नए भर्ती के लिए आयु सीमा 17.5 से 21 वर्ष तय की गई थी। पहले चरण में सेना ने दो बैचों में 40,000 अग्निवीरों को भर्ती किया। नौसेना ने पहले चरण में लगभग 3,000 अग्निवीरों और वायु(Agniveer Yojana) सेना ने लगभग 2,700 अग्निवीरों की भर्ती की। 2026 तक कुल भर्ती की सीमा 1.75 लाख तय की गई है।
अगर हुआ बदलाव तो गोरखा सैनिकों को मिलेगी राहत
जब से स्कीम आई है तब से नेपाल में किसी भी तरह की भर्ती(Agniveer Yojana) रैली का आयोजन नहीं हुआ है. कोरोना के दौरान तकरीबन ढाई साल और अग्निपथ योजना के लागू हुए तकरीबन डेढ़ साल यानी की पिछले चार साल से भारतीय सेना में नेपाली गोरखा सैनिकों की भर्ती नहीं हुई है. भारतीय सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, आजादी से पहले तक गोरखा रेजिमेंट में करीब 90 फीसदी गोरखा सैनिक नेपाल के होते थे और 10 फीसदी भारतीय गोरखा, लेकिन जैसे से समय बीता इस प्रतिशत 80:20 किया गया. इसके बाद में इसे 60:40 तक कर दिया गया. यानी की 60 फीसदी नेपाली डोमेसाइल गोरखा और 40 फीसदी भारतीय डोमेसाइल गोरखा.
क्या हम 4 साल बाद अग्निवीर छोड़ सकते हैं?
चार वर्ष की अवधि पूरी होने पर अग्निवीर अन्य क्षेत्रों में रोजगार(Agniveer Yojana) के लिए अनुशासित, गतिशील, प्रेरित और कुशल कार्यबल के रूप में समाज में वापस जाएंगे, जिससे राष्ट्र निर्माण में और अधिक योगदान मिलेगा। भारतीय नौसेना चार वर्ष की अवधि से आगे अग्निवीरों को रखने के लिए बाध्य नहीं है।
अग्निवीर रिजल्ट 2024 की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?
जानकारी के अनुसार, अग्निवीर रिजल्ट 2024 भारतीय सेना द्वारा मई 2024 में जारी किया जाएगा। उम्मीदवार अपने स्कोरकार्ड और अन्य सभी विवरण डाउनलोड करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट join Indianarmy.nic.in पर जा सकते हैं।