इस साइकिल यात्रा के दौरान उन्हें रोजाना औसतन 100 किमी साइकिल चलानी पड़ती थी। लेकिन उन्होंने खुद पर विश्वास रखते हुए विषम परिस्थितियों के बावजूद भी इस साइकिल यात्रा को पूरा किया। आज उनके चर्चे इंदौर के साथ ही पूरे भारत में हैं।
ट्रेन हादसे में खो दिया था पैर :
प्रदीप ने StackUmbrella से बात करते हुए बताया कि 10 अगस्त 2013 को उज्जैन में हुए एक ट्रेन हादसे में उन्होंने अपने दाएं पैर को खो दिया था। 90 प्रतिशत विकलांग होने के बाद 31 दिसंबर 2013 को उन्होंने जयपुर फुट लगवाया। जिसके बाद उन्होंने फिर से चलना सीखा और चलने के बाद वे थोड़ा बहुत दौड़ने भी लगे। इसी दौरान उन्हें फिर से साइकिल चलाने का विचार आया और धीरे-धीरे साइकिल चलाना शुरू कर दी।
शुरुआत में उन्हें कुछ समस्याएं हुईं, लेकिन बाद में वे आराम से साइकिल चलाने लगे। प्रदीप बताते हैं कि कई बार तो मैं 100 किमी से ज्यादा साइकिल चला लेता था। इसी दौरान उन्हें विचार आया कि यदि मैं रोज इतनी साइकिल चला लेता हूं तो क्यों ना एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाए? हालांकि यह इतना आसान नहीं था, क्योंकि सबसे बड़ी समस्या पैसे का इंतजाम करने की थी।
180 किमी के ट्रायल के बाद शुरू हुई भारत यात्रा :
इसके बाद उन्होंने मेरा साथ दिया और मैंने करीब 40 किलो सामान के साथ फरवरी 2018 में यह यात्रा शुरू की और लगभग महीने तक 10380 किमी साइकिल चलाकर विश्व रिकार्ड बनाया। इस यात्रा को पूरा करने के बाद मुझे राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सम्मान मिले।
इस यात्रा के दौरान मुझे कई बार तेज गर्मी का सामना करना पड़ा तो कभी कड़ाके की ठंड से होकर निकला। कई बार बारिश के कारण मुझे अपनी यात्रा रोकनी पड़ी। इस दौरान एक बार तड़के तीन बजे जंगल से निकल रहा था। वो अनुभव मुझे आजीवन याद रहेगा।
मॉडलिंग और एक्टिंग के क्षेत्र में बनाना चाहते हैं कैरियर :
प्रदीप वर्तमान में मॉडलिंग और एक्टिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहते हैं। वे भोपाल, इंदौर सहित कई जगहों पर थिएटर शो कर चुके हैं। भारत भवन में आयोजित समर्थ कार्यक्रम में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए पुरस्कार मिल चुका है। इस कार्यक्रम में पूरी दुनिया से केवल 70 कलाकारों को ही बुलाया गया था।
यह भी पढ़ें : 16 साल मुंबई में किया कड़ा संघर्ष, तब जाकर मिली पहली वेब सीरीज महारानी : करन