आपने देखा होगा कि जब भी हमें थकान और नींद आने लगती है, तो उबासी (Yawning) लेना स्वभाविक सी प्रक्रिया है। दिनभर में हर इंसान करीब 19 बार उबासी (Yawning) लेता है। हालांकि, स्लीप फाउंडर के मुताबिक, ऐसे बहुत से लोग हैं, जो दिनभर में 10 बार से ज्यादा उबासी लेते हैं।
कुछ स्टडीज के अनुसार, ऐसे बहुत से लोग हैं, जो दिनभर में करीब 100 बार उबासी लेते हैं। इसका एक कॉमन कारण अपने एक निश्चित समय से पहले जागना है। कई बार जरूरत से ज्यादा उबासी लेना किसी गंभीर बीमारी की ओर भी इशारा करता है। ज्यादा उबासी आना किसी दवा के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
उबासी (Yawning) की वजह यह हो सकती है
बहुत ज्यादा उबासी आना कई बार किसी गंभीर बीमारी या असामान्यताओं का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इस बारे में सचेत रहें। यह नींद संबंधी बीमारी जैसे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया का इंडिकेशन भी हो सकता है।
इससे दिन में ज्यादा नींद आती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बहुत अधिक उबासी आना मेटाबॉलिज्म से संबंधित रोगों की एक वजह हो सकता है।
पूरी नींद नहीं ले पाना
अक्सर बहुत से लोगों को दिन के वक्त काफी ज्यादा नींद आती है। इस वजह से उन्हें ज्यादा उबासी (Yawning) आने की परेशानी से रूबरू होना पड़ता है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब रात के वक्त किसी वजह से आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। रात में नींद पूरी ना होने की वजह से आप अगले दिन काफी थके हुए महसूस करते हैं और उबासी आने लगती है।
डायबिटीज के कारण परेशानी
उबासी आना हाइपोग्लाइसीमिया का शुरुआती संकेत होता है। खून में ग्लूकोज लेवल कम होने से उबासी होना शुरू हो जाती है।
स्लीप एपनिया हो सकती है एक वजह
स्लीप एपनिया के मरीजों को रात में सोते समय काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से रात की नींद पूरी नहीं हो पाती है। इस वजह से अगले दिन हम थके हुए लगतेहैं, तब भी उबासी आना स्वभाविक है।
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इसे ब्रीदिंग डिस ऑर्डर की परेशानी कहते हैं। स्लीप एपनिया में सोते वक्त बार-बार सांस रुकती है और चलतीहै। परेशानी वाली बात ये है कि इसमें नींद में ही सांस रुक जाती है और इंसान को पता भी नहीं चलता।
नार्कोलेप्सी की समस्या उबासी (Yawning) की वजह
नार्कोलेप्सी नींद से जुड़ी एक तरह की परेशानी है। इसमें व्यक्ति कभी भी और कहीं भी अचानक से सो जाता है। इस बीमारी में मरीज को दिनभर में कई बार नींद आने की परेशानी होती है। इस वजह से उन्हें काफी ज्यादा उबासी आती है।
इंसोमनिया से पीड़ित लोग लेते ज्यादा उबासी
इंसोमनिया भी सोने से जुड़ा एक रोग है। इस रोग में शख्स को रात्रि में नींद नहीं आती है या एक बार नींद टूट जाए तो दोबारा से सोना काफी मुश्किल होता है।
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उबासी आने से हार्ट की परेशानी भी हो सकती है। उबासी (Yawning) दिमाग से दिल और पेट तक जाती है। रिसर्च के मुताबिक, अधिक उबासी, दिल के आसपास ब्लीडिंग या हार्ट अटैक की आशंका पैदा करती है।